-----शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए ये करें उपाय----
---- शनि दिन में शनि चालीसा का पाठ, शनि मंत्रों का जाप एवं हनुमान चालीसा का पाठ करें।
---- इस दिन पीपल के पेड़ पर सात प्रकार का अनाज चढ़ाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
----- तिल से बने पकवान, उड़द से बने पकवान गरीबों को दान करें।
----- उड़द दाल की खिचड़ी दरिद्रनारायण को दान करें।
------- अमावस्या की रात्रि में 8 बादाम और 8 काजल की डिब्बी काले वस्त्र में बांधकर संदूक में रखें।
----- शनि यंत्र, शनि लॉकेट, काले घोड़े की नाल का छल्ला धारण करें।
----- इस दिन नीलम या कटैला रत्न धारण करें। जो फल प्रदान करता है।
----- काले रंग का श्वान इस दिन से पालें और उसकी सेवा करें।
------शनिवार का व्रत यूं तो आप वर्ष के किसी भी शनिवार के दिन शुरू कर सकते हैं। इस व्रत का पालन करने वाले को शनिवार के दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके शनिदेव की प्रतिमा की विधि सहित पूजन करनी चाहिए।
-----शनिवार के दिन शनि देव की विशेष पूजा होती है। शहर के हर छोटे बड़े शनि मंदिर में सुबह ही आपको शनि भक्त देखने को मिल जाएंगे।
---- शनि भक्तों को इस दिन शनि मंदिर में जाकर शनि देव को नीले लाजवंती का फूल, तिल, तेल, गु़ड़ अर्पण करना चाहिए। शनि देव के नाम से दीपोत्सर्ग करना चाहिए।
-----शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा के पश्चात उनसे अपने अपराधों एवं जाने-अनजाने जो भी आपसे पाप कर्म हुआ हो उसके लिए क्षमा याचना करनी चाहिए।
-----शनि महाराज की पूजा के पश्चात राहु और केतु की पूजा भी करनी चाहिए।
-----इस दिन शनि भक्तों को पीपल में जल देना चाहिए और पीपल में सूत्र बांधकर सात बार परिक्रमा करनी चाहिए।
-----शनिवार के दिन भक्तों को शनि महाराज के नाम से व्रत रखना चाहिए।
---- शनि की शांति के लिए नीलम को तभी पहना जा सकता है।
-----शनिवार को सायंकाल पीपल वृक्ष के चारों ओर 7 बार कच्चा सूत लपेटें, इस समय शनि के किसी मंत्र का जप करते रहें। फिर पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक प्रज्ज्वलित करें तथा ज्ञात अज्ञात अपराधों के लिए क्षमा मांगें।
--------शनिवार को अपने हाथ की नाप का 19 हाथ काला धागा माला बनाकर पहनें।
----शनिश्वर के भक्तों को संध्या काल में शनि मंदिर में जाकर दीप भेंट करना चाहिए और उड़द दाल में खिचड़ी बनाकर शनि महाराज को भोग लगाना चाहिए। शनिदेव का आशीर्वाद लेने के पश्चात आपको प्रसाद स्वरूप खिचड़ी खाना चाहिए।
-----सूर्यपुत्र शनिदेव की प्रसन्नता हेतु इस दिन काली चींटियों को गु़ड़ एवं आटा देना चाहिए।
-----इस दिन काले रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए।
----श्रावण मास में शनिवार का व्रत प्रारंभ करना
---- शनि दिन में शनि चालीसा का पाठ, शनि मंत्रों का जाप एवं हनुमान चालीसा का पाठ करें।
---- इस दिन पीपल के पेड़ पर सात प्रकार का अनाज चढ़ाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
----- तिल से बने पकवान, उड़द से बने पकवान गरीबों को दान करें।
----- उड़द दाल की खिचड़ी दरिद्रनारायण को दान करें।
------- अमावस्या की रात्रि में 8 बादाम और 8 काजल की डिब्बी काले वस्त्र में बांधकर संदूक में रखें।
----- शनि यंत्र, शनि लॉकेट, काले घोड़े की नाल का छल्ला धारण करें।
----- इस दिन नीलम या कटैला रत्न धारण करें। जो फल प्रदान करता है।
----- काले रंग का श्वान इस दिन से पालें और उसकी सेवा करें।
------शनिवार का व्रत यूं तो आप वर्ष के किसी भी शनिवार के दिन शुरू कर सकते हैं। इस व्रत का पालन करने वाले को शनिवार के दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके शनिदेव की प्रतिमा की विधि सहित पूजन करनी चाहिए।
-----शनिवार के दिन शनि देव की विशेष पूजा होती है। शहर के हर छोटे बड़े शनि मंदिर में सुबह ही आपको शनि भक्त देखने को मिल जाएंगे।
---- शनि भक्तों को इस दिन शनि मंदिर में जाकर शनि देव को नीले लाजवंती का फूल, तिल, तेल, गु़ड़ अर्पण करना चाहिए। शनि देव के नाम से दीपोत्सर्ग करना चाहिए।
-----शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा के पश्चात उनसे अपने अपराधों एवं जाने-अनजाने जो भी आपसे पाप कर्म हुआ हो उसके लिए क्षमा याचना करनी चाहिए।
-----शनि महाराज की पूजा के पश्चात राहु और केतु की पूजा भी करनी चाहिए।
-----इस दिन शनि भक्तों को पीपल में जल देना चाहिए और पीपल में सूत्र बांधकर सात बार परिक्रमा करनी चाहिए।
-----शनिवार के दिन भक्तों को शनि महाराज के नाम से व्रत रखना चाहिए।
---- शनि की शांति के लिए नीलम को तभी पहना जा सकता है।
-----शनिवार को सायंकाल पीपल वृक्ष के चारों ओर 7 बार कच्चा सूत लपेटें, इस समय शनि के किसी मंत्र का जप करते रहें। फिर पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक प्रज्ज्वलित करें तथा ज्ञात अज्ञात अपराधों के लिए क्षमा मांगें।
--------शनिवार को अपने हाथ की नाप का 19 हाथ काला धागा माला बनाकर पहनें।
----शनिश्वर के भक्तों को संध्या काल में शनि मंदिर में जाकर दीप भेंट करना चाहिए और उड़द दाल में खिचड़ी बनाकर शनि महाराज को भोग लगाना चाहिए। शनिदेव का आशीर्वाद लेने के पश्चात आपको प्रसाद स्वरूप खिचड़ी खाना चाहिए।
-----सूर्यपुत्र शनिदेव की प्रसन्नता हेतु इस दिन काली चींटियों को गु़ड़ एवं आटा देना चाहिए।
-----इस दिन काले रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए।
----श्रावण मास में शनिवार का व्रत प्रारंभ करना
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