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Wednesday, 9 November 2011

ग्रहों का सबसे सस्ता उपाय

ग्रहों को मनाने का सबसे सस्ता उपाय

हमारा शरीर पंच महाभूतों जल, पृथ्वी, आकाश, वायु और अग्नि से मिल कर बना हुआहै। इनमें से पृथ्वी का सबसे अहम हिस्सा है मिट्टी।
मिट्टी के पांच प्रमुख रंग होते हैं- लाल चिकनी मिट्टी, भूरी नम मिट्टी, सफेद शुष्क मिट्टी, पीली मुलायम मिट्टी और काली उर्वरक मिट्टी । 
मिट्टी किसी ना किसी ग्रह से जुड़ी होती है। आइए जानते हैं कि ग्रहों से मिट्टी का क्या संबंध है।
सूर्य-लाल मिट्टी जिसे चिकित्सा में भी प्रयुक्त किया जाताहै। सूर्य की प्रधानता वाली मिट्टी होती है इस मिट्टी की स्थापना से पिता सदा बच्चों से प्रसन्न रहते हैं। इससे राज्य सत्ता का सुख मिलता है,स्वर्ण आभूषणों का लाभ होता है, शारीरिक रोग नष्ट होते है व आरोग्य मिलता है 
चन्द्र- सफेद मिट्टी जिसे चिकित्सा में भी प्रयुक्त किया जाता है व रंगाई आदि के लिए भी प्रयोग में ली जाती है। इस मिट्टीकी स्थापना से माता सदा बच्चों से प्रसन्न रहती हैं, चाँदी के आभूषणों की प्राप्ति होती है, मन शान्त व सुखी रहता है, यात्राओं का सुख व धन संपदा मिलती है 
मंगल-लाल चिकनी मिट्टी जिसे चिकित्सा में भी प्रयुक्त किया जाता है व कई तरह के बर्तन आदि बनाने में जिसका प्रयोग किया जाता है। ये मंगल की प्रधानता वाली मिट्टी होती है। इस मिट्टी की स्थापना से पराक्रम बढ़ता है, भाई से सदा प्यार बना रहता है। रिश्ते में कड़वाहट नहीं आती, स्वाभिमान जागता है, शत्रु नष्ट होते हैं व भूमि सुख मिलता है प्रापर्टी व खदानों से जुड़े लोगों को बहुत लाभ पहुंचता है 
बुध- भूरी मिट्टी जिसे चिकित्सा में भी प्रयुक्त किया जाता है व खेती में प्रयुक्त होती है। इस मिट्टी की स्थापना से वाक् चातुर्य, गणित विद्या में लाभ, रिश्तों में प्रगाढ़ता, कलाओं में निपुणता, व्यापार में लाभ व लेखन आदि में विशेष लाभ प्राप्त होता है  
बृहस्पति- पीली मिटटी जिसे चिकित्सा में भी प्रयुक्त किया जाता है व रंगाई आदि के लिए भी प्रयोग में ली जाती है। इस मिट्टी की स्थापना से धर्म अध्यात्म का लाभ मिलता है, देवता प्रसन्न होते हैं, विद्या लाभ मिलता है, पुत्रका सुख मिलता है, संत एवं ब्राहमण आदि सदा प्रसन्न रहते हैं
शुक्र- रेतीली मिट्टी जो गमलों आदि के प्रयोग में ली जाती है शुक्र  की प्रधानता वाली मिट्टी होती है। इस मिट्टी की स्थापना से रत्न जड़ित आभूषणों की प्राप्ति होती है, पत्नी व प्रेमिका का सुख प्राप्त होता है, तरह-तरह के भोग व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, दाम्पत्य सुख में बढ़ोतरी करता है 
शनि-काली मिट्टी जिसे खेती में सबसे उत्तम माना जाता है व फलदार पेड़ों और गमलों आदि के लिए भी प्रयोग में ली जाती है शनि की प्रधानता वाली मिटटी होती है इस मिट्टी की स्थापना से रोगों का अंत होता है, मशीनरी एवं वाहन आदि सुरक्षित रहते हैं व बार बार ख़राब नहीं होते, नौकरी रोजगार आदि प्राप्त होता है, खेती बाड़ी से लाभ मिलता है 
राहु-पत्थरीली मिट्टी जिसका आमतौर पर प्रयोग नहीं होता है राहु की प्रधानता वाली मिट्टी होती है इस मिट्टी की स्थापना से लाटरी सट्टा में लाभ मिलता है, जहरीले जीव जंतुओं का भय नहीं रहता, राजकीय व कोर्ट कचहरी के कामों में विजय मिलती हैं, सम्पति व गुप्त धन मिलता है, दुर्घटना आदि से बचाव होता है  
केतु- भुरभुरी मिट्टी जिसे चिकित्सा में भी प्रयुक्त किया जाता है केतु की प्रधानता वाली मिट्टी होती है इस मिट्टी की स्थापना से चर्म रोग नष्ट होते हैं, अधिक धन के व्यय पर रोक लगती है, अंदरूनी जख्म आदि में लाभ मिलता है, उदासी नहीं रहता, शत्रुओं को मुहतोड़ जवाब मिलता है, तनाव व सरदर्द आदि नष्ट होते हैं 
REFERENCE
http://www.dharamastha.com/Post.aspx?post=57

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