मिट्टी भी चमत्कारी होती है!
सरकारी भवनों में लाल मिटटी व इसी मिटटी में लगे पौधे उन्नति देते हैं
कार्यालयों में रेतीली मिटटी व इसी मिटटी के गमलों में लगे पौधे उन्नति व लाभ देते है
व्यापार स्थल पर लाल व पीली मिटटी को मिला कर प्रयोग में लाना चाहिए व इसी मिटटी को
गमलों में रख कर पौधे लगायें तो व्यापार वृद्धि होती है
अध्ययन कक्ष, लाइब्रेरी आदि में रेतीली व लाल मिटटी मिला कर उपयोग में लायें व इसी में पौधे उगाने
से विद्या व ज्ञान का लाभ मिलता है
धार्मिक स्थलों व अस्पताल आदि में काली मिटटी का ही प्रयोग किया जाना चाहिए उसमें ही पौधे उगायें
घर के निर्माण के लिए लाल मिटटी वाली भूमि श्रेष्ठ होती है
कृषि के लिए काली व भूरी मिटटी श्रेष्ठ होती है
चिकित्सा के लिए चिकनी मिटटी, मुल्तानी मिटटी ज्यादा लाभदायक होती है
खेल सम्बन्धी स्थान के लिए रेतीली मिटटी उत्तम होती है
वास्तु के अनुसार सफेद मिटटी को ब्रह्मणि मिटटी कहा जाता है जो ज्ञान विचार बुद्धि विवेक धर्म कर्म में
बल देने वाली होती है
लाल रंग की मिटटी को कत्रानी मिटटी कहा गया है जो शक्ति देने वाली, उर्जा देने वाली, सत्ता का सुख
देने वाली और भोग देने वाली होती है
हरे रंग से मिलती जुलती मिटटी को वैश्य मिटटी कहा गया है जो धन लाभ, समृद्धि व सुखदायिनी होती है
काले रंग की मिटटी को शूद्रनी कहा गया है जो रहने के लिए उत्तम नहीं पर कृषि आदि कार्यों के लिए अच्छी
होती है तथा रोग हरनेवाली, आयु देने वाली, आनन्द देने वाली व यश देने वाली होती है
जिस मिटटी से सुगंध आती हो हर तरह से लाभ व उन्नति देती है
सडांध वाली मिटटी को अशुभ कहा गया है जिसका प्रयोग हर प्रकार से वर्जित होता है
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