25 अक्टूबर को ऐसे नहाएं तो सालभर कोई बीमारी आपको छू भी नहीं पाएगी
नरक चतुर्दशी या रूप चतुर्दशी को छोटी दीपावली भी कहा जाता है। दीपावली से एक दिन पहले मनाई जाने वाली नरक चतुर्दशी के दिन संध्या के पश्चात दीपक प्रज्जवलित किए जाते हैं। नरक चतुर्दशी का पूजन कर अकाल मृत्यु से मुक्ति तथा स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए यमराज जी की पूजा उपासना की जाती है। इस दिन ब्रम्ह मुर्हूत में स्नान का बहुत महत्व हमारे धर्मग्रंथों में माना गया है।
इस दिन यदि विशेष प्रकार की और औषधियों से स्नान किया जाए तो वर्षभर शरीर निरोगी तो रहता ही है। साथ ही समृद्धि बढ़ेगी और आप सुखी रहेगी।
राशि के अनुसार औषधी स्नान-
मेष- मंगल देव की इस राशि के व्यक्तियों को पानी में बिल्वपत्र के वृक्ष की छाल और लाल चंदन का चूर्ण डाल कर स्नान करना चाहिए।
वृष- वृष राशि वाले व्यक्तियों को इलायची और मैनसिल की थोड़ी सी मात्रा पानी में डाल कर स्नान करना चाहिए।
मिथुन- मिथुन राशि के जातक बुध देव को प्रसन्न करने के लिए गाय का गोबर जल से स्पर्श कर के स्नान करें।
कर्क- इस राशि वाले व्यक्तियों को अपने स्नान के जल में सफेद चंदन की थोड़ी सी मात्रा मिला कर स्नान करना चाहिए।
सिंह- आपको स्नान के जल में लाल पुष्प और के सर डाल कर स्नान करना चाहिए।
कन्या- मोती एवं सोने के आभूषण के जल से स्नान करने से आपके राशि स्वामी बुध देव प्रसन्न होंगे।
तुला- ऐश्वर्य एवं धन की प्राप्ति के लिए आपको केसर एवं सुगंधित वृक्ष के पुष्प को जल में डाल कर स्नान करना चाहिए।
वृश्चिक- मंगल देव की प्रसन्नता के लिए आपको लाल पुष्प के जल से स्नान करना चाहिए।
धनु- आपके राशि के स्वामी बृहस्पति देव को मालती के फूल विशेष प्रिय है इसलिए आप जल में मालती के फूल डाल कर स्नान करें।
मकर- निरोगी रहने के लिए आपको स्नान के जल में काले तिल का उपयोग करना चाहिए।
कुंभ- आपके राशि के स्वामी शनि देव है। शनि देव की प्रसन्नता के लिए आपको शमी वृक्ष की लकड़ी पानी में डालकर स्नान करना चाहिए।
मीन- सुख, समृद्धि एवं ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए जल में मालती के पत्ते या पीली सरसों डाल कर स्नान करें।
नरक चतुर्दशी या रूप चतुर्दशी को छोटी दीपावली भी कहा जाता है। दीपावली से एक दिन पहले मनाई जाने वाली नरक चतुर्दशी के दिन संध्या के पश्चात दीपक प्रज्जवलित किए जाते हैं। नरक चतुर्दशी का पूजन कर अकाल मृत्यु से मुक्ति तथा स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए यमराज जी की पूजा उपासना की जाती है। इस दिन ब्रम्ह मुर्हूत में स्नान का बहुत महत्व हमारे धर्मग्रंथों में माना गया है।
इस दिन यदि विशेष प्रकार की और औषधियों से स्नान किया जाए तो वर्षभर शरीर निरोगी तो रहता ही है। साथ ही समृद्धि बढ़ेगी और आप सुखी रहेगी।
राशि के अनुसार औषधी स्नान-
मेष- मंगल देव की इस राशि के व्यक्तियों को पानी में बिल्वपत्र के वृक्ष की छाल और लाल चंदन का चूर्ण डाल कर स्नान करना चाहिए।
वृष- वृष राशि वाले व्यक्तियों को इलायची और मैनसिल की थोड़ी सी मात्रा पानी में डाल कर स्नान करना चाहिए।
मिथुन- मिथुन राशि के जातक बुध देव को प्रसन्न करने के लिए गाय का गोबर जल से स्पर्श कर के स्नान करें।
कर्क- इस राशि वाले व्यक्तियों को अपने स्नान के जल में सफेद चंदन की थोड़ी सी मात्रा मिला कर स्नान करना चाहिए।
सिंह- आपको स्नान के जल में लाल पुष्प और के सर डाल कर स्नान करना चाहिए।
कन्या- मोती एवं सोने के आभूषण के जल से स्नान करने से आपके राशि स्वामी बुध देव प्रसन्न होंगे।
तुला- ऐश्वर्य एवं धन की प्राप्ति के लिए आपको केसर एवं सुगंधित वृक्ष के पुष्प को जल में डाल कर स्नान करना चाहिए।
वृश्चिक- मंगल देव की प्रसन्नता के लिए आपको लाल पुष्प के जल से स्नान करना चाहिए।
धनु- आपके राशि के स्वामी बृहस्पति देव को मालती के फूल विशेष प्रिय है इसलिए आप जल में मालती के फूल डाल कर स्नान करें।
मकर- निरोगी रहने के लिए आपको स्नान के जल में काले तिल का उपयोग करना चाहिए।
कुंभ- आपके राशि के स्वामी शनि देव है। शनि देव की प्रसन्नता के लिए आपको शमी वृक्ष की लकड़ी पानी में डालकर स्नान करना चाहिए।
मीन- सुख, समृद्धि एवं ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए जल में मालती के पत्ते या पीली सरसों डाल कर स्नान करें।
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