कुंडली में कालसर्प,क्या उपाय करे?
यदि किसी कन्या कि कुण्डली कालसर्प दोष से ग्रसित हो जाए तो,उसे स्वपन में सर्प दिखाई देते है। असमंजस की स्थिति रहती है। प्रमोशन ,नौकरी, शादी, संतान सभी क्षेत्रो में देरी एवं परेशानी होती है। ऐसा क्यों होता है? शास्त्र कहता है।
'पूर्व जन्मकृतं पापं व्याधिरुपेण बाधते।
तत् शांतिरोषधैदानै: जप श्राद्धादि कर्मभि:।।
अर्थात् पूर्व जन्म में किए पाप इस जन्म में बाधा उत्पन्न करते हैं। उनकी शांति दान, जाप, श्राद्ध आदि पूजन से होती है। इसलिए पूजन कर्म कर काल सर्प दोष शांत किया जाता है।
जो कोई पूजन कर्म करवाने में सक्षम न हो वह निम्न उपाय द्वारा भी कालसर्प से राहत पा सकता है।
1. यदि स्त्री की कुंडली में कालसर्प दोष है तो उसे पीपल के वृक्ष की तीन सौ दिन में 28 हजार परिक्रमा करनी चाहिए।
2. शिवलिंग पर तांबे का नाग ब्रह्ममुहूर्त में चढ़ाएं। चांदी का नाग-नागीन नदी में बहाएं।
३. नवनाग स्तोत्र का पाठ करें।
४. शिव उपासना लघु रुद्र का पाठ कराएं।
५. बुधवार या शनिवार को भिखारी को कंबल, उड़द, मूंग का दान करें।
६. एक साबूत तरबूज लेकर पानी के किनारे जोर से पटक दें।
७. शनिवार को कुत्ते को बिस्किट खिलाएं।
'पूर्व जन्मकृतं पापं व्याधिरुपेण बाधते।
तत् शांतिरोषधैदानै: जप श्राद्धादि कर्मभि:।।
अर्थात् पूर्व जन्म में किए पाप इस जन्म में बाधा उत्पन्न करते हैं। उनकी शांति दान, जाप, श्राद्ध आदि पूजन से होती है। इसलिए पूजन कर्म कर काल सर्प दोष शांत किया जाता है।
जो कोई पूजन कर्म करवाने में सक्षम न हो वह निम्न उपाय द्वारा भी कालसर्प से राहत पा सकता है।
1. यदि स्त्री की कुंडली में कालसर्प दोष है तो उसे पीपल के वृक्ष की तीन सौ दिन में 28 हजार परिक्रमा करनी चाहिए।
2. शिवलिंग पर तांबे का नाग ब्रह्ममुहूर्त में चढ़ाएं। चांदी का नाग-नागीन नदी में बहाएं।
३. नवनाग स्तोत्र का पाठ करें।
४. शिव उपासना लघु रुद्र का पाठ कराएं।
५. बुधवार या शनिवार को भिखारी को कंबल, उड़द, मूंग का दान करें।
६. एक साबूत तरबूज लेकर पानी के किनारे जोर से पटक दें।
७. शनिवार को कुत्ते को बिस्किट खिलाएं।
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