कालसर्प दोष निवारण हेतु चमत्कारी व दुर्लभ सर्पगायात्री मंत्र...
नव्कुल नागाय विध्म्ह्ये, विषदन्ताय धीमहि, तन्नो सर्प: प्रचोदयात।
इस मंत्र का नियमित 108 बार जाप करें और सोमवार के दिन शिव मंदिर में दूध से अभिषेक करें और किसी अच्छे दिन जैसे प्रदोष,शिवरात्रि के दिन शिव मंदिर में चंडी का नाग नागिन का जोड़ा दान करे यह दोष समाप्त हो जाएगा।
प्रयोग-2
कालसर्प दोष निवारणरावण जुद्ध अजान कियो तब,
नाग कि फांस सबै सिर डारो।
श्री रघुनाथ समेत सबै दल,मोह भयो यह संकट भारो।।
आनि खगेश तबै हनुमान जु,
बंधन काटि सुत्रास निवारो।
को नहि जानत है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो।।
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