एक दिन लौहे के बर्तन में खाना खाएं, शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का उपाय
ज्योतिष के अनुसार शनि एक ऐसा ग्रह है जो सबसे अधिक क्रूर माना गया है। शनि
यदि अशुभ प्रभाव देने वाला हो तो अन्य शुभ ग्रहों के प्रभाव को भी कम कर
देता है या समाप्त कर देता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि विपरित
फल देने वाला है तो उसके लिए किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करना काफी
मुश्किल रहता है।
शनि देव किसी भी व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों के फल प्रदान करते हैं। साढ़ेसाती और ढैय्या के समय में जिस व्यक्ति के जैसे कर्म होते हैं उसे वैसा ही परिणाम प्राप्त होता है। यदि किसी व्यक्ति को शनि के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो ज्योतिष में कई उपाय बताए गए हैं। इन्हीं उपायों में से एक उपाय है कि शनिवार के दिन लौहे बर्तन में खाना खाएं।
शनिवार शनि का दिन माना गया है। इस दिन शनि के निमित्त विशेष पूजा अर्चना करने पर उनका कृपा जल्दी ही प्राप्त हो जाती है। इसके साथ ही शनि की प्रिय धातु है लौहा। अत: लौहे के बर्तनों का उपयोग करने पर भी शनि की कृपा प्राप्त होती है। शनिवार के दिन एक समय लौहे के बर्तन में भोजन किया जा सकता है। बर्तन एकदम साफ और स्वच्छ होने चाहिए।
शनि देव किसी भी व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों के फल प्रदान करते हैं। साढ़ेसाती और ढैय्या के समय में जिस व्यक्ति के जैसे कर्म होते हैं उसे वैसा ही परिणाम प्राप्त होता है। यदि किसी व्यक्ति को शनि के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो ज्योतिष में कई उपाय बताए गए हैं। इन्हीं उपायों में से एक उपाय है कि शनिवार के दिन लौहे बर्तन में खाना खाएं।
शनिवार शनि का दिन माना गया है। इस दिन शनि के निमित्त विशेष पूजा अर्चना करने पर उनका कृपा जल्दी ही प्राप्त हो जाती है। इसके साथ ही शनि की प्रिय धातु है लौहा। अत: लौहे के बर्तनों का उपयोग करने पर भी शनि की कृपा प्राप्त होती है। शनिवार के दिन एक समय लौहे के बर्तन में भोजन किया जा सकता है। बर्तन एकदम साफ और स्वच्छ होने चाहिए।
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