होली
Holi (होली)
होली आनन्द और उल्लास का वो पर्व है जो सारे देश में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है | बंगाल को छोड़ कर पूरे देश में होली जलाई जाती है | बंगाल में इस दिन श्री कृष्ण की प्रतिमा को झूला झूलाने का प्रचलन है | हालाँकि वहां भी तीन दिन के लिये पूजा मण्डप में अग्नि जलाई जाती है | होली के मौजूदा स्वरुप का जिक्र जैमिनी गृह सूत्र ,(1 /3 /15 -16) काठक गृह सूत्र (73 /1 ) लिंग पुराण , बाराह पुराण , हेमाद्रि ,और भविस्योत्तर पुराण के अलावा वात्स्यायन के काम सूत्र में भी आया है |
निर्णय सिन्धु पृष्ठ 227 , स्मृति कौस्तुभ पृष्ठ (516 से 519 ) और पुरश्चरण चिन्तामणि के पृष्ठ (३०८ से ३१९ ) पर होली का वर्णन अत्यन्त विस्तार से होता है | भविस्योत्तर पुराण और कामसूत्र ने इसका सन्बन्ध वसन्त ऋतु के आगमन से कर दिया वास्तव में होलिका हेमन्त यानि पतझड़ के आगमन की सूचना देती है और बसन्त की प्रेममय काम लीलाओं की घोतक है | मस्ती से भरे गाने रंगों की फुहार और संगीत बसन्त के आने के उल्लास पूर्ण समय का परिचय देते है |जो रंगों से भरी पिचकारियों और अबीर गुलाल के आपसी आदान प्रदान को प्रकट होती है | कहीं कहीं दो तीन दिन तक मिट्टी का कीचड़ और गानों से मतवालें होकर होली का हुडदंग मचाते है | कहीं कहीं लोग भद्दे मजाकों और अश्लील गानों से अपनी कैथरिसिस करते है |
होली के मौके पर एक दिन पहले होलिका दहन की ख़ास इम्पौटेन्स है | चौराहे पर जली हुई होली की आग से मन्त्रो के अनुष्ठान करके प्यार , पैसा और शोहरत पाई जा सकती है | किसी को अपने वश में किया जा सकता है | और बुरे ग्रहों के उपचार किये जा सकते है | साल की चार महत्वपूर्ण तान्त्रिक रातों में एक होली की भी रात होती है | इस दिन कोशिश करके अपनी उन्नति का रास्ता खोला जा सकता है | दूसरों के ब्लैक मैजिक से बचा जा सकता है | माता सरस्वती और माता महालक्ष्मी की कृपा पाई जा सकती है |
किस राशि वाले किस रंग से होली खेले
(1) मेष - लाल
(2) वृष - नीला
(3) मिथुन - हरा
(4) कर्क - गुलाबी
(5) सिंह - आंरेन्ज
(6) कन्या - हरा
(7) तुला - नीला
(8) वृश्चिक - मैरून
(9) धनु - पीला
(10) मकर - नीला
(11) कुम्भ - परपल
(12)मीन - पीला
आप चाहें तो अपने रंगों अबीर गुलाल में खुशबू मिला सकते है |
किस राशि वाले कौन सी खुशबू मिलायें |
(1) मेष - गुलाब
(2) वृष - चमेली
(3) मिथुन - चम्पा
(4) कर्क - लवैन्डर
(5) सिंह - कस्तूरी
(6)कन्या - नाग चम्पा
(7)तुला -बेला
(8)वृश्चिक - रोज मैरी
(9) धनु -- केसर
(10)मकर -मुश्कम्बर
(11)कुम्भ - चन्दन
(12)मीन - लैमन ग्रास
किस रंग के कपड़े पहने
(1) मेष - कॉटन लाल या मैरून
(2) वृष - सिल्क सफेद या स्काईब्लू
(3) मिथुन - सिन्थैटिक ग्रीन
(4) कर्क- कॉटन सफेद / पिंक
(5) सिंह -लिनिन ऑरेन्ज / सफेद
(6)कन्या - ग्रीन कॉटन
(7)तुला - स्काईब्लू / सफेद सिल्क
(8) वृश्चिक - मैरून या ब्राउन कॉटन
(9) धनु - सिल्क क्रीम
(10)मकर - सिन्थैटिक ब्लू या brown
(11)कुम्भ - ब्लू या black
(12) मीन - सिल्क golden yellow
(1) होली के दिन क्या करें और क्या न करें :- सबसे पहली बात तो यह है कि रंग जरुर खेले इस दिन रंग खेलने से जीवन में खुशियों के रंग आते है और मनहूसियत दूर भाग जाती है | अगर आप घर से बाहर जा कर होली नहीं खेलना चाहते हैं तो घर पर ही होली खेलिये लेकिन खेलिये जरुर |
(2)सुबह सुबह पहले भगवान को रंग चढ़ा कर ही होली खेलना शुरू कीजिये |
(3)एक दिन पहले जब होली जलाई जाये तो उसमे जरुर भाग लें | अगर किसी वजह से आप रात में होलीं जलाने के वक्त शामिल न हो पायें तो अगले दिन सुबह सूरज निकलने से पहले जलती हुई होली के निकट जाकर तीन परिक्रमा करें | होली में अलसी , मटर ,चना गेंहू कि बालियाँ और गन्ना इनमे से जो कुछ भी मिल जाये उसे होली की आग में जरुर डालें |
(4)परिवार के सभी सदस्यों के पैर के अंगूठे से लेकर हाथ को सिर से ऊपर पूरा ऊँचा करके कच्चा सूत नाप कर होली में डालें |
(5)होली की विभूति यानि भस्म (राख) घर जरुर लायें पुरुष इस भस्म को मस्तक पर और महिला अपने गले में , इससे एश्वर्य बढ़ता है |
(6)घर के बीच में एक चौकोर टुकड़ा साफ कर के उसमे कामदेव का पूजन करें |
(7)होली के दिन दाम्पत्य भाव से अवश्य रहें |
(8) होली के दिन मन में किसी के प्रति शत्रुता का भाव न रखें, इससे साल भर आप शत्रुओं पर विजयी होते रहेंगे |
(9) घर आने वाले मेहमानों को सौंफ और मिश्री जरुर खिलायें, इससे प्रेम भाव बढ़ता है |
होली के मौके पर क्या कर के आप फायदा उठा सकते है :-
(1) व्यापार में फायदा उठाने के लिये :- छ: बाली अलसी और तीन बाली गेंहू को होली की आग में जला लें - आधी जली हुई बालियों को लाल कपड़े में लपेट कर अपनी शॉप या शो रूम में ले जाकर रखने से business बढ़ता है |
(2) अचानक धन लाभ के लिये :- पत्तियों सहित गन्ना ले जा कर होली की आग में इस तरह डाल दें कि गन्ने कि पत्तियां आग में जल जायें | बचे हुये गन्ने को लाकर घर के साउथ वेस्ट कार्नर में खड़ा कर दीजिये | जल्दी ही आपको धन लाभ होगा |
होली के दिन क्या करें :-
होली के जलने के बाद वहां से आग अपने घर लानी चाहिये | घर में गोबर के उपले से आग जला कर उसमे नारियल की गरी और गेहूं की बाली भून कर खानी चाहिये | होली के दिन ऐसा करने से दीर्घायु और समाज में सम्मान प्राप्त होता है | यह क्रिया रात में होली जलने के बाद और सूर्योदय के पहले करनी चाहिये |
रात में होली जलाने के बाद भोर के समय घर के बीच एक चौकोर टुकड़ा साफ़ करके उसमे ‘ क्लीं ’ लिख कर उसमे कामदेव का पूजन करना चाहिये | कामदेव को पांच अलग - अलग रंग के फूल अबीर, गुलाल, सुगंध और पक्वान अर्पित करने चाहिये | पूजा के उपरान्त पति देह में रति का वास हो जाता है | ये होली का परम आवश्यक कृत्य है |
होली क्यों खेलें :-
(1) - जाड़े के बाद शरीर की सफाई
(2) - तन के साथ मन की भी सफाई
(3) - Catharsis
(4) - शत्रुता के भाव और शत्रु का अन्त
(5) - मैत्री और मुदिता का उदय
(1) - बॉस वशीकरण - बॉस की फोटो लेकर उसपर घी और शहद लगाकर मिट्टी के कुल्हड़ में रखें इसके ऊपर दही भर दें और उस पर थोड़ी सी होली की भस्म दाल दें | उस कुल्हड़ का मुंह लाल कपड़े से बांध कर किसी ऊँची जगह पर रख दें | ऐसा करने से बॉस आपके वश में हो जायेंगे | लेकिन खबरदार ; बॉस को अपने वश में करना तो ठीक है लेकिन अगर आपने अपनी स्थिति का दुरूपयोग किया तो इसके भयंकर परिणाम हो सकतें हैं |
(2) - मुकदमा जीतने के लिये - होली की आग लाकर उसके कोयले से स्याही बनाकर लोहे की सलाई से मुकदमा नम्बर और शत्रु पक्ष का नाम सात कागजों पर लिख कर पुन: होली की अग्नि के पास जायें और सात परिक्रमा करें, हर परिक्रमा पर एक कागज़ होली की आग में दाल दें तो शत्रु स्वयं समझौता कर लेता है और मुक़दमे में सफलता मिलती है |
(3) - दूसरे के तंत्र मंत्र से बचने के लिये - काली नजर से बचाव :- होली की आग से अंगारे लाकर उसे पीस कर उससे स्याही बनावें एक सफ़ेद कपड़े पर एक मनुष्य की आकृति बना कर उसमे काले तिल भर कर पुन: होली में डाल दें तो दूसरे का किया धरा नष्ट हो जाता है |
(4) - बुरी नजर से बचाव :- एक मुट्ठी काले तिल, छः काली मिर्च, छः लौंग, एक टुकड़ा कपूर बच्चे या बड़े के ऊपर से उतार कर होली में डाल दें, पुरानी बुरी नजर उतर जायेगी और आगे भी बचाव होगा |
(5) अपने बिजनेस को बुरी नज़र से बचाने के लिये :-एक दिन पहले फिटकरी के छ:टुकड़े अपनी दुकान , शोरुम या office में रात में छोड़ दे | होली की शाम उन्हें ले जाकर कपूर , अलसी , गन्ने के टुकड़े और गेहूं के साथ मिला कर होली में डाल दें तो आपके बिजनेस को दूसरों की नज़र नहीं लगेगी |
(6) बच्चे का मन पढाई में मन लगाने के लिये :- एक 4 मुखी और एक ६ मुखी रुद्राक्ष के बीच में गणेश रुद्राक्ष लगवा कर बच्चे को पहनायें फिर उसे होली की अग्नि के करीब ले जाकर सात चक्कर लगवायें |हर बार बच्चा एक मुट्ठी गुलाल होली की ओर उछालता जाये इससे विद्या प्राप्ति की बाधा दूर होगी और पढ़ाई में ध्यान लगेगा |
(7 ) जीवन में कामयाबी हासिल करने के लिये :- होली की आग से कोयला लाकर चूर्ण करके उसके आगे नृसिंह के तीन नामों का जप करे - ये हैं , उग्रं ,वीरं,महाविष्णुं | जप की संख्या 10 ,000 है | फिर जब जरुरत हो इस चूर्ण को गाय के घी के साथ तिलक लगाकर काम पर जायें तो हर काम में कामयाबी मिलती है |
किस रिश्ते के किस अंग में रंग लगायें :- माता - पैर ,पिता -छाती ,पत्नी / पति - सर्वांग ,बड़ा भाई -मस्तक ,छोटा भाई - भुजायें, बड़ी बहन - हाथ और पीठ, छोटी बहन - गाल,बड़ी भाभी / देवर - हाथ और पैर (ननद और देवरानी सर्वांग में ) छोटी भाभी -सर और कन्धे (ननद सर्वांग में रंग लगायें ) चाची / चाचा - सर से रंग उड़ेले , साले सरहज - कोई अंग बचने न पायें
ताई / ताऊ - पैर और माथे पर , मामा / मामी - बच कर जाने न पायें , बुआ / फूफा - जी भर कर रंग लगायें, मौसी , / मौसा - डिस्टेन्स मेन्टेन करके रंग लगायें ,पड़ोसी- सिर्फ सूखा रंग ही लगायें उसमे इत्र जरुर डालें , मित्र - मर्यादायें भूल कर रंग लगायें , बॉस - माथे पर टिका लगायें , बॉस की पत्नी - हाथ में रंग का पैकेट देकर नमस्कार कर लें , शिष्टाचार की सीमा के अन्दर रंग लगायें , अनजाने व्यक्तियों को - सामाजिक मर्यादा और शिष्टाचार का पूरा ध्यान रखें |
एक बार फिर दोहरा दूं पति -पत्नी को आपस में जी भर कर होली खेलना अत्यन्त शुभ शकुन माना जाता है |
किस राशि वाले क्या खिलायें :-
मेष - मसूर की दाल की बनी कोई चीज
वृष - कोई सुगन्धित मिठाई
मिथुन - मूंग की दाल से बनी कोई चीज
कर्क - दूध से बनी कोई चीज
सिंह - गरम -गरम कोई चीज
कन्या - पिस्ते से बनी कोई मिठाई
तुला - दही या मलाई से बनी कोई चीज
वृश्चिक - कोई ऐसी चीज जिसमे लाल मिर्च पड़ी हो
धनु - केसर से बनी कोई मिठाई या गुझिया
मकर - चाँकलेट या काली मिर्च से बनी कोई चीज
कुम्भ - दही बड़े या कोई चीज जिसमे काला नमक
मीन - बेसन से बनी कोई मिठाई
यूँ तो होली में हमारे घर में तरह -तरह के पकवान बनाने और खिलाने का रिवाज है | लेकिन सवाल ये है कि वो कौन सी चीज है जो आप अपने हाथ से उठा कर मेहमानों को पेश करें जिससे आपकी किस्मत और मेहमानों की तबियत दोनों ही खिल उठें |
होली खेलने के बाद :- नहा धो कर आप साफ सुथरे अच्छे से कपड़े पहनेगें लेकिन वो कौन सी चीज है जो अपनी ड्रेस में लगाने या रखने से होली के दिन साल भर के लिये आपकी किस्मत संवार दे :-
मेष :- नये कपड़े पहन कर सीधे घर के मन्दिर में जायें और भगवान का आशीर्वाद लें |
वृष :- नये कपड़े पहनने के तुरन्त बाद सीढ़ियां चढ़ें या गणेश जी के दर्शन करें |
मिथुन :- खजूर खायें या मोज़े जरुर पहनें |
कर्क :- केसर की पत्ती मुंह में डालें |
सिंह :- लाल सिन्दूर का टीका मस्तक पर लगायें |
कन्या :- कपूर को हाथ में मसल कर सूंघना चाहिये |
तुला :- शहतूत खाना चाहिये |
वृश्चिक :- सर पर टोपी लगाना या पगड़ी बांधना विशेष शुभ होता है |
धनु :- नये कपड़े पहनने के बाद बांई आंख से चांदी को स्पर्श करना शुभ होगा |
मकर :- नये कपड़े में एक पेन लगाकर घर से निकले |
कुम्भ :- नये कपड़े पहनने से पहले चेहरे को दही से धोना चाहिये और कपड़ो पर सुगन्ध जरुर लगानी चाहिये |
मीन :- नये कपड़े पहनने के बाद थोड़ा गुड़ खाना शुभ रहेगा |
http://www.acharyainduprakash.com/hn/indian-festivals/holi.html
Holi (होली)
होली आनन्द और उल्लास का वो पर्व है जो सारे देश में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है | बंगाल को छोड़ कर पूरे देश में होली जलाई जाती है | बंगाल में इस दिन श्री कृष्ण की प्रतिमा को झूला झूलाने का प्रचलन है | हालाँकि वहां भी तीन दिन के लिये पूजा मण्डप में अग्नि जलाई जाती है | होली के मौजूदा स्वरुप का जिक्र जैमिनी गृह सूत्र ,(1 /3 /15 -16) काठक गृह सूत्र (73 /1 ) लिंग पुराण , बाराह पुराण , हेमाद्रि ,और भविस्योत्तर पुराण के अलावा वात्स्यायन के काम सूत्र में भी आया है |
निर्णय सिन्धु पृष्ठ 227 , स्मृति कौस्तुभ पृष्ठ (516 से 519 ) और पुरश्चरण चिन्तामणि के पृष्ठ (३०८ से ३१९ ) पर होली का वर्णन अत्यन्त विस्तार से होता है | भविस्योत्तर पुराण और कामसूत्र ने इसका सन्बन्ध वसन्त ऋतु के आगमन से कर दिया वास्तव में होलिका हेमन्त यानि पतझड़ के आगमन की सूचना देती है और बसन्त की प्रेममय काम लीलाओं की घोतक है | मस्ती से भरे गाने रंगों की फुहार और संगीत बसन्त के आने के उल्लास पूर्ण समय का परिचय देते है |जो रंगों से भरी पिचकारियों और अबीर गुलाल के आपसी आदान प्रदान को प्रकट होती है | कहीं कहीं दो तीन दिन तक मिट्टी का कीचड़ और गानों से मतवालें होकर होली का हुडदंग मचाते है | कहीं कहीं लोग भद्दे मजाकों और अश्लील गानों से अपनी कैथरिसिस करते है |
होली के मौके पर एक दिन पहले होलिका दहन की ख़ास इम्पौटेन्स है | चौराहे पर जली हुई होली की आग से मन्त्रो के अनुष्ठान करके प्यार , पैसा और शोहरत पाई जा सकती है | किसी को अपने वश में किया जा सकता है | और बुरे ग्रहों के उपचार किये जा सकते है | साल की चार महत्वपूर्ण तान्त्रिक रातों में एक होली की भी रात होती है | इस दिन कोशिश करके अपनी उन्नति का रास्ता खोला जा सकता है | दूसरों के ब्लैक मैजिक से बचा जा सकता है | माता सरस्वती और माता महालक्ष्मी की कृपा पाई जा सकती है |
किस राशि वाले किस रंग से होली खेले
(1) मेष - लाल
(2) वृष - नीला
(3) मिथुन - हरा
(4) कर्क - गुलाबी
(5) सिंह - आंरेन्ज
(6) कन्या - हरा
(7) तुला - नीला
(8) वृश्चिक - मैरून
(9) धनु - पीला
(10) मकर - नीला
(11) कुम्भ - परपल
(12)मीन - पीला
आप चाहें तो अपने रंगों अबीर गुलाल में खुशबू मिला सकते है |
किस राशि वाले कौन सी खुशबू मिलायें |
(1) मेष - गुलाब
(2) वृष - चमेली
(3) मिथुन - चम्पा
(4) कर्क - लवैन्डर
(5) सिंह - कस्तूरी
(6)कन्या - नाग चम्पा
(7)तुला -बेला
(8)वृश्चिक - रोज मैरी
(9) धनु -- केसर
(10)मकर -मुश्कम्बर
(11)कुम्भ - चन्दन
(12)मीन - लैमन ग्रास
किस रंग के कपड़े पहने
(1) मेष - कॉटन लाल या मैरून
(2) वृष - सिल्क सफेद या स्काईब्लू
(3) मिथुन - सिन्थैटिक ग्रीन
(4) कर्क- कॉटन सफेद / पिंक
(5) सिंह -लिनिन ऑरेन्ज / सफेद
(6)कन्या - ग्रीन कॉटन
(7)तुला - स्काईब्लू / सफेद सिल्क
(8) वृश्चिक - मैरून या ब्राउन कॉटन
(9) धनु - सिल्क क्रीम
(10)मकर - सिन्थैटिक ब्लू या brown
(11)कुम्भ - ब्लू या black
(12) मीन - सिल्क golden yellow
(1) होली के दिन क्या करें और क्या न करें :- सबसे पहली बात तो यह है कि रंग जरुर खेले इस दिन रंग खेलने से जीवन में खुशियों के रंग आते है और मनहूसियत दूर भाग जाती है | अगर आप घर से बाहर जा कर होली नहीं खेलना चाहते हैं तो घर पर ही होली खेलिये लेकिन खेलिये जरुर |
(2)सुबह सुबह पहले भगवान को रंग चढ़ा कर ही होली खेलना शुरू कीजिये |
(3)एक दिन पहले जब होली जलाई जाये तो उसमे जरुर भाग लें | अगर किसी वजह से आप रात में होलीं जलाने के वक्त शामिल न हो पायें तो अगले दिन सुबह सूरज निकलने से पहले जलती हुई होली के निकट जाकर तीन परिक्रमा करें | होली में अलसी , मटर ,चना गेंहू कि बालियाँ और गन्ना इनमे से जो कुछ भी मिल जाये उसे होली की आग में जरुर डालें |
(4)परिवार के सभी सदस्यों के पैर के अंगूठे से लेकर हाथ को सिर से ऊपर पूरा ऊँचा करके कच्चा सूत नाप कर होली में डालें |
(5)होली की विभूति यानि भस्म (राख) घर जरुर लायें पुरुष इस भस्म को मस्तक पर और महिला अपने गले में , इससे एश्वर्य बढ़ता है |
(6)घर के बीच में एक चौकोर टुकड़ा साफ कर के उसमे कामदेव का पूजन करें |
(7)होली के दिन दाम्पत्य भाव से अवश्य रहें |
(8) होली के दिन मन में किसी के प्रति शत्रुता का भाव न रखें, इससे साल भर आप शत्रुओं पर विजयी होते रहेंगे |
(9) घर आने वाले मेहमानों को सौंफ और मिश्री जरुर खिलायें, इससे प्रेम भाव बढ़ता है |
होली के मौके पर क्या कर के आप फायदा उठा सकते है :-
(1) व्यापार में फायदा उठाने के लिये :- छ: बाली अलसी और तीन बाली गेंहू को होली की आग में जला लें - आधी जली हुई बालियों को लाल कपड़े में लपेट कर अपनी शॉप या शो रूम में ले जाकर रखने से business बढ़ता है |
(2) अचानक धन लाभ के लिये :- पत्तियों सहित गन्ना ले जा कर होली की आग में इस तरह डाल दें कि गन्ने कि पत्तियां आग में जल जायें | बचे हुये गन्ने को लाकर घर के साउथ वेस्ट कार्नर में खड़ा कर दीजिये | जल्दी ही आपको धन लाभ होगा |
होली के दिन क्या करें :-
होली के जलने के बाद वहां से आग अपने घर लानी चाहिये | घर में गोबर के उपले से आग जला कर उसमे नारियल की गरी और गेहूं की बाली भून कर खानी चाहिये | होली के दिन ऐसा करने से दीर्घायु और समाज में सम्मान प्राप्त होता है | यह क्रिया रात में होली जलने के बाद और सूर्योदय के पहले करनी चाहिये |
रात में होली जलाने के बाद भोर के समय घर के बीच एक चौकोर टुकड़ा साफ़ करके उसमे ‘ क्लीं ’ लिख कर उसमे कामदेव का पूजन करना चाहिये | कामदेव को पांच अलग - अलग रंग के फूल अबीर, गुलाल, सुगंध और पक्वान अर्पित करने चाहिये | पूजा के उपरान्त पति देह में रति का वास हो जाता है | ये होली का परम आवश्यक कृत्य है |
होली क्यों खेलें :-
(1) - जाड़े के बाद शरीर की सफाई
(2) - तन के साथ मन की भी सफाई
(3) - Catharsis
(4) - शत्रुता के भाव और शत्रु का अन्त
(5) - मैत्री और मुदिता का उदय
(1) - बॉस वशीकरण - बॉस की फोटो लेकर उसपर घी और शहद लगाकर मिट्टी के कुल्हड़ में रखें इसके ऊपर दही भर दें और उस पर थोड़ी सी होली की भस्म दाल दें | उस कुल्हड़ का मुंह लाल कपड़े से बांध कर किसी ऊँची जगह पर रख दें | ऐसा करने से बॉस आपके वश में हो जायेंगे | लेकिन खबरदार ; बॉस को अपने वश में करना तो ठीक है लेकिन अगर आपने अपनी स्थिति का दुरूपयोग किया तो इसके भयंकर परिणाम हो सकतें हैं |
(2) - मुकदमा जीतने के लिये - होली की आग लाकर उसके कोयले से स्याही बनाकर लोहे की सलाई से मुकदमा नम्बर और शत्रु पक्ष का नाम सात कागजों पर लिख कर पुन: होली की अग्नि के पास जायें और सात परिक्रमा करें, हर परिक्रमा पर एक कागज़ होली की आग में दाल दें तो शत्रु स्वयं समझौता कर लेता है और मुक़दमे में सफलता मिलती है |
(3) - दूसरे के तंत्र मंत्र से बचने के लिये - काली नजर से बचाव :- होली की आग से अंगारे लाकर उसे पीस कर उससे स्याही बनावें एक सफ़ेद कपड़े पर एक मनुष्य की आकृति बना कर उसमे काले तिल भर कर पुन: होली में डाल दें तो दूसरे का किया धरा नष्ट हो जाता है |
(4) - बुरी नजर से बचाव :- एक मुट्ठी काले तिल, छः काली मिर्च, छः लौंग, एक टुकड़ा कपूर बच्चे या बड़े के ऊपर से उतार कर होली में डाल दें, पुरानी बुरी नजर उतर जायेगी और आगे भी बचाव होगा |
(5) अपने बिजनेस को बुरी नज़र से बचाने के लिये :-एक दिन पहले फिटकरी के छ:टुकड़े अपनी दुकान , शोरुम या office में रात में छोड़ दे | होली की शाम उन्हें ले जाकर कपूर , अलसी , गन्ने के टुकड़े और गेहूं के साथ मिला कर होली में डाल दें तो आपके बिजनेस को दूसरों की नज़र नहीं लगेगी |
(6) बच्चे का मन पढाई में मन लगाने के लिये :- एक 4 मुखी और एक ६ मुखी रुद्राक्ष के बीच में गणेश रुद्राक्ष लगवा कर बच्चे को पहनायें फिर उसे होली की अग्नि के करीब ले जाकर सात चक्कर लगवायें |हर बार बच्चा एक मुट्ठी गुलाल होली की ओर उछालता जाये इससे विद्या प्राप्ति की बाधा दूर होगी और पढ़ाई में ध्यान लगेगा |
(7 ) जीवन में कामयाबी हासिल करने के लिये :- होली की आग से कोयला लाकर चूर्ण करके उसके आगे नृसिंह के तीन नामों का जप करे - ये हैं , उग्रं ,वीरं,महाविष्णुं | जप की संख्या 10 ,000 है | फिर जब जरुरत हो इस चूर्ण को गाय के घी के साथ तिलक लगाकर काम पर जायें तो हर काम में कामयाबी मिलती है |
किस रिश्ते के किस अंग में रंग लगायें :- माता - पैर ,पिता -छाती ,पत्नी / पति - सर्वांग ,बड़ा भाई -मस्तक ,छोटा भाई - भुजायें, बड़ी बहन - हाथ और पीठ, छोटी बहन - गाल,बड़ी भाभी / देवर - हाथ और पैर (ननद और देवरानी सर्वांग में ) छोटी भाभी -सर और कन्धे (ननद सर्वांग में रंग लगायें ) चाची / चाचा - सर से रंग उड़ेले , साले सरहज - कोई अंग बचने न पायें
ताई / ताऊ - पैर और माथे पर , मामा / मामी - बच कर जाने न पायें , बुआ / फूफा - जी भर कर रंग लगायें, मौसी , / मौसा - डिस्टेन्स मेन्टेन करके रंग लगायें ,पड़ोसी- सिर्फ सूखा रंग ही लगायें उसमे इत्र जरुर डालें , मित्र - मर्यादायें भूल कर रंग लगायें , बॉस - माथे पर टिका लगायें , बॉस की पत्नी - हाथ में रंग का पैकेट देकर नमस्कार कर लें , शिष्टाचार की सीमा के अन्दर रंग लगायें , अनजाने व्यक्तियों को - सामाजिक मर्यादा और शिष्टाचार का पूरा ध्यान रखें |
एक बार फिर दोहरा दूं पति -पत्नी को आपस में जी भर कर होली खेलना अत्यन्त शुभ शकुन माना जाता है |
किस राशि वाले क्या खिलायें :-
मेष - मसूर की दाल की बनी कोई चीज
वृष - कोई सुगन्धित मिठाई
मिथुन - मूंग की दाल से बनी कोई चीज
कर्क - दूध से बनी कोई चीज
सिंह - गरम -गरम कोई चीज
कन्या - पिस्ते से बनी कोई मिठाई
तुला - दही या मलाई से बनी कोई चीज
वृश्चिक - कोई ऐसी चीज जिसमे लाल मिर्च पड़ी हो
धनु - केसर से बनी कोई मिठाई या गुझिया
मकर - चाँकलेट या काली मिर्च से बनी कोई चीज
कुम्भ - दही बड़े या कोई चीज जिसमे काला नमक
मीन - बेसन से बनी कोई मिठाई
यूँ तो होली में हमारे घर में तरह -तरह के पकवान बनाने और खिलाने का रिवाज है | लेकिन सवाल ये है कि वो कौन सी चीज है जो आप अपने हाथ से उठा कर मेहमानों को पेश करें जिससे आपकी किस्मत और मेहमानों की तबियत दोनों ही खिल उठें |
होली खेलने के बाद :- नहा धो कर आप साफ सुथरे अच्छे से कपड़े पहनेगें लेकिन वो कौन सी चीज है जो अपनी ड्रेस में लगाने या रखने से होली के दिन साल भर के लिये आपकी किस्मत संवार दे :-
मेष :- नये कपड़े पहन कर सीधे घर के मन्दिर में जायें और भगवान का आशीर्वाद लें |
वृष :- नये कपड़े पहनने के तुरन्त बाद सीढ़ियां चढ़ें या गणेश जी के दर्शन करें |
मिथुन :- खजूर खायें या मोज़े जरुर पहनें |
कर्क :- केसर की पत्ती मुंह में डालें |
सिंह :- लाल सिन्दूर का टीका मस्तक पर लगायें |
कन्या :- कपूर को हाथ में मसल कर सूंघना चाहिये |
तुला :- शहतूत खाना चाहिये |
वृश्चिक :- सर पर टोपी लगाना या पगड़ी बांधना विशेष शुभ होता है |
धनु :- नये कपड़े पहनने के बाद बांई आंख से चांदी को स्पर्श करना शुभ होगा |
मकर :- नये कपड़े में एक पेन लगाकर घर से निकले |
कुम्भ :- नये कपड़े पहनने से पहले चेहरे को दही से धोना चाहिये और कपड़ो पर सुगन्ध जरुर लगानी चाहिये |
मीन :- नये कपड़े पहनने के बाद थोड़ा गुड़ खाना शुभ रहेगा |
http://www.acharyainduprakash.com/hn/indian-festivals/holi.html
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