कामना पूर्ति के लिए गणपति मंत्र
ॐ गं गणपतये नमः - गं से युक्त मंत्र का जप करने से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है । अपनी हर कामना पूर्ति के लिए सिध्द षडाक्षर गणपति मंत्र का जप आर्थिक प्रगति व समृध्दिदायक है, ऐसा अनादि काल से माना जाता है ।
ऊँ वक्रतुंडाय हुम - किसी के द्वारा अनिष्ट के लिए की गई क्रिया को नष्ट करने के लिए विविध कामनाओं की पूर्ति के लिए उच्छिष्ट गणपति की साधना करनी चाहिए । इन गणपति मंत्र का जप करते समय मुंह में लौंग, गुड़, इलायची, बताशा, तांबुल, सुपारी होना चाहिए । यह साधना अक्षय भंडार प्राप्त करने के लिए गणपति भक्तों व्दारा की जाती है ।
ऊँ हस्ति पिंथाचि लिखे स्वाहा - उच्छिष्ट गणपति की परम आराधना का मंत्र आलस्य, निराशा, कलह, विघ्न दूर करने में सर्वोपरि माना गया है। महा गणेश के विघ्नराज रूप की आराधना करते हुये इस मंत्र जप का परिणाम कलियुगी गुणों का उत्तम प्रतिकार है ।
ऊँ गं क्षिप्रप्रसादनाय नम: - विघ्न को दूर करने धन व आत्मबल की प्राप्ति के लिए हेरम्बं गणपति का मंत्र जप कामना पूर्ति में अति उत्तम माना गया है ।
ऊँ गूं नम: - रोजगार की प्राप्ति व आर्थिक समृध्दि कामना की पूर्ति के लिए लक्ष्मी विनायक मंत्र का जप करे ।
ऊँ श्री गं सौभाग्य गणपत्ये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा - विवाह में आने वाले दोषों को दूर करने वालों को कामना पूर्ति हेतु त्रैलोक्य मोहन गणेश मंत्र का जप करने से शीघ्र विवाह व अनुकूल जीवनसाथी की प्राप्ति होती है ।
ऊँ वक्रतुण्डेक द्रष्टाय क्लींहीं श्रीं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मं दशमानय स्वाहा सहित कामना पूर्ति के लिए इन गणपति मंत्रों के अतिरिक्त गणपति अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेशकवच, संतान गणपति स्त्रोत, ऋणहर्ता गणपति स्त्रोत, मयूरेश स्त्रोत एवं गणेश चालीसा का पाठ करने से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है ।
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