हर कोई दूसरे को मोहित या वश में कर लेना चाहता है। दूजों को आकर्षित करने के लिए तिलक लगाना सर्वोत्तम प्रयोग है।
वशीकरण तिलक बनाने के लिए निम्न पदार्थ का उपयोग करना चाहिए-शुद्ध सिन्दूर, शुद्ध केसर, शुद्ध गोरोचन को बराबर भाग में मिलाकर एक चांदी की डिबिया में रखना चाहिए। प्रातः सूर्योदय के उपरान्त इस डिबिया में से तिलक लगाना चाहिए।
तिलक लगाने के लिए भी भृकुटि के मध्य आज्ञाचक्र पर ही लगाना चाहिए।
तिलक लगाते समय अधोलिखित मन्त्र को पढ़ना चाहिए-
ऊँ नमः सर्व लोक वशंकराय कुरु कुरु स्वाहा।
इस प्रयोग को करके आप भी लाभ उठाएं और दूजों को भी बताएं जिससे वे भी लाभ उठा सकें। यह मन्त्र और प्रयोग अनुभूत है। इसे आप करके लाभ उठा बता सकते हैं। यह प्रयोग वशीकरण प्रयोग है इसका दुरुपयोग न करके दूजों के हित के लिए उपयोग में लाना चाहिए। इस प्रयोग में मन्त्र व तिलक दोनों की महत्ता है।
वशीकरण तिलक बनाने के लिए निम्न पदार्थ का उपयोग करना चाहिए-शुद्ध सिन्दूर, शुद्ध केसर, शुद्ध गोरोचन को बराबर भाग में मिलाकर एक चांदी की डिबिया में रखना चाहिए। प्रातः सूर्योदय के उपरान्त इस डिबिया में से तिलक लगाना चाहिए।
तिलक लगाने के लिए भी भृकुटि के मध्य आज्ञाचक्र पर ही लगाना चाहिए।
तिलक लगाते समय अधोलिखित मन्त्र को पढ़ना चाहिए-
ऊँ नमः सर्व लोक वशंकराय कुरु कुरु स्वाहा।
इस प्रयोग को करके आप भी लाभ उठाएं और दूजों को भी बताएं जिससे वे भी लाभ उठा सकें। यह मन्त्र और प्रयोग अनुभूत है। इसे आप करके लाभ उठा बता सकते हैं। यह प्रयोग वशीकरण प्रयोग है इसका दुरुपयोग न करके दूजों के हित के लिए उपयोग में लाना चाहिए। इस प्रयोग में मन्त्र व तिलक दोनों की महत्ता है।
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