कुंडली में मंगल तीसरे, छठे और दसवें घर का कारक ग्रह है। इसका रंग लाल है। मंगल का प्रभाव दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर तो होता ही है साथ ही खाने की वस्तुओं पर भी पड़ता है। मंगल का प्रभाव ऐसी वस्तुओं पर होता है जिनका रंग मंगल की तरह होता है। मंगल का प्रभाव ऐसी वस्तुओं पर भी होता है जिनकी प्रकृति मंगल की तरह उत्तेजक होती है।
मंगल से प्रभावित भोज्य पदार्थ अनार, गाजर, मोठ, लाल चौलाई, चुकंदर, टमाटर, लौंग, मसूर, लाल मक्का आदि है।
मंगल देव को प्रसन्न करने के लिए इन चिजों का दान दिया जाता है। दान देने के साथ ही अगर इनका सेवन भी किया जाए तो मंगल देव की कृपा बनी रहती है।
हमारे शरीर में खून का कारक ग्रह भी मंगल होता है। अगर मंगल की वस्तुओं का सेवन करें तो शरीर में खून से सम्बन्धी सभी दोषों से मुक्ति मिल जाति है।
मोठ को अंकुरित कर के रोज सुबह कच्चा चबा कर खाएं तो शरीर में खून के लाल कणों की वृद्धि होती है। सर्दियों में मक्की के आटे की रोटी खाएं। बादाम को भिगो कर रोज सुबह खाएं तो बल बढ़ता है। अगर आप मंगल की वस्तुएं खाएं तो मंगल वैसा ही प्रभाव करेगा जैसा कुंडली में उच्च राशि के साथ स्थित होकर करता है।
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