- यदि आपका मुख्य प्रवेश द्वार उत्तर अथवा पूर्व में है तो इसे हरे व पीले, गुलाबी रंग से रंगवाना शुभ होगा यदि यह दक्षिण है तो लाल और पश्चिम है तो हल्का नीला, भूरा, सफ़ेद रंग प्रयोग कर सकते है यह वास्तु सम्मत है |
- प्रातः मुख्य द्वार खोल कर सर्वप्रथम दहलीज पर जल छिड़कना चाहिए जिससे रात में वहां एकत्रित हुई दूषित ऊर्जा दूर हो जाएं तथा गृह में प्रवेश ना पाए और लक्ष्मी आने का मार्ग प्रशस्त हो |
- मुख्य प्रवेश द्वार के दोनों तरफ (अगल बगल) व ऊपर रोली, कुमकुम, हल्दी, केसर आदि घोलकर स्वास्तिक व ओमकार (ॐ ) का शुभ चिन्ह बनाएं।
- मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर अपने सामर्थानुसार रंगोली बनाना या बनवाना शुभ होता है जो माँ लक्ष्मी को आकृष्ट करता है व नकारात्मक ऊर्जाओं के प्रवेश को रोकता है।
-मुख्य द्वार को कलश, नारियल, पुष्प, अशोक व केले के पत्र से या स्वास्तिक आदि से सुसज्जित रखने का प्रयास करे जिससे यह अन्य द्वारो से भिन्न व विशेष दिखे |
- मुख्य द्वार चार भुजाओं की चौखट वाला होना अनिवार्य है। जिससे घर में संस्कार बने रहते है और माँ लक्ष्मी भी ऐसे ही घर में प्रवेश करती है|
- घर के सदस्यों व गृह लक्ष्मी की ज़िम्मेदारी है की सूर्योदय उपरांत ही मुख्य द्वार को साफ़ सुथरा व सुसज्जित रखे |
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