#आप अपनी राशि के हिसाब से पूजा करेंगे तो मिलने वाला फल चोगुना हो जाएगा....
मेष राशि: इस राशि का स्वामी मंगल अग्नि तत्व प्रधान ग्रह है। मंगल की शांति के लिए श्रावण मास में प्रत्येक मंगलवार को बिल्व पत्र पर सफेद चंदन से श्रीराम लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करें। "ॐ नम: शिवाय" मंत्र का जप करें।
वृष राशि: पृथ्वी तत्व वाली इस राशि का स्वामी शुक्र है। सुख शांति के लिए तुलसी मंजरी और बिल्व पत्र के साथ शिवलिंग पर दूध और चीनी मिश्रित जल चढ़ाएं। शिवपंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करें।
मिथुन राशि: वायु प्रधान इस राशि के स्वामी बुध की अनुकूलता के लिए शहद मिश्रित जल से अभिषेक करें। हरा वस्त्र और हरे फल शिव मंदिर में दान करें। ॐ नम: शिवाय मंत्र का जप करें।
कर्क राशि: जल तत्व वाली इस राशि का स्वामी चंद्रमा यदि जन्म कुंडली में अशुभकारक होकर नीच या शत्रुक्षेत्रीय हो तो सोमवार का व्रत करें। कर्पूर मिश्रित जल, दूध, दही, गंगाजल व मिश्री से शिवजी का अभिषेक करें। दूब और बिल्व पत्र चढ़ाएं। ॐ ह्रीं सौं नम: शिवाय मंत्र का जप करें।
सिंह राशि: अग्नि तत्व वाली इस राशि का स्वामी सूर्य नीचगत, शत्रुक्षेत्रीय या अशुभ कारक हो तो मिश्री व जल से अभिषेक करें। बिल्व पत्र के साथ लाल पुष्प चढ़ाएं। आक की माला अर्पित करें। शिवमहिम्न स्तोत्र का पाठ करें।
कन्या राशि: पृथ्वी तत्व वाली इस राशि के स्वामी बुध की अनुकूलता के लिए श्रावण मास में दूध और शहद से शिवलिंग पर अभिषेक करें। पंचामृत से शिवलिंग का स्नान कराएं। बिल्व पत्र चढ़ाए और धतूरा अर्पित करें। रूद्राष्टक का पाठ करें, तो अपयश और आर्थिक हानि से बच सकेंगे।
तुला राशि: वायु प्रधान इस राशि का स्वामी शुक्र है। श्रावण में दही और गन्ने के रस से अभिषेक करें। बिल्व पत्र के साथ तुलसी और हरश्रृंगार की माला चढ़ाएं। शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें।
वृश्चिक राशि: इस जलीय राशि का स्वामी मंगल है। दूब और बिल्व पत्र शिवलिंग पर गंगाजल के साथ चढ़ाएं। लाल चंदन का तिलक करें। शिवाष्टोत्तरशतनामावली का जप करें।
धनु राशि: अग्नि तत्व वाली इस राशि के स्वामी गुरू की प्रसन्नता के लिए कच्चे दूध में केसर, मिश्री व हल्दी मिलाकर शिवलिंग को स्नान कराएं। हल्दी व केसर से तिलक करें। रूद्र गायत्री "ॐ तत्पुरूषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।। तन्नोरूद्र प्रचोदयात्।।" का जप करें। केला, आम, पपीता का दान दें।
मकर राशि: पृथ्वी प्रधान इस राशि के स्वामी शनि की शांति के लिए घी, शहद, दही और बादाम के तेल से अभिषेक करें, नारियल के जल से स्नान कराकर नीलकमल अर्पित करें। लघु (त्रि अक्षरी) मृत्युंजय मंत्र "ॐ जूं स:" का जप करें।
कुंभ राशि: वायु प्रधान इस राशि का स्वामी भी शनि है। इस राशि के जातक तेल से अभिषेक करें, दूब और बिल्व पत्र के साथ शिवलिंग पर जल चढ़ाएं, तो ये शारीरिक कष्ट, धनहानि, पारिवारिक कष्ट, शत्रु भय जैसी बाधाओं से बच सकते हैं। बीमारी या शत्रुभय हो तो महामृत्युंजय मंत्र (संजीवनी विद्या) का जप करें।
मीन राशि: जल तत्व वाली इस राशि के स्वामी गुरू की कृपा के लिए श्रावण मास में कच्चे दूध में हल्दी मिलाकर शिवजी को अर्पित करें। तुलसी मंजरी के साथ बिल्वपत्र, पीले पुष्प और कनेर के पुष्प शिवलिंग पर चढ़ाएं। केसर का तिलक करें। शिव पंचाक्षर मंत्र "ॐ नम: शिवाय" का जप करें।
मेष राशि: इस राशि का स्वामी मंगल अग्नि तत्व प्रधान ग्रह है। मंगल की शांति के लिए श्रावण मास में प्रत्येक मंगलवार को बिल्व पत्र पर सफेद चंदन से श्रीराम लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करें। "ॐ नम: शिवाय" मंत्र का जप करें।
वृष राशि: पृथ्वी तत्व वाली इस राशि का स्वामी शुक्र है। सुख शांति के लिए तुलसी मंजरी और बिल्व पत्र के साथ शिवलिंग पर दूध और चीनी मिश्रित जल चढ़ाएं। शिवपंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करें।
मिथुन राशि: वायु प्रधान इस राशि के स्वामी बुध की अनुकूलता के लिए शहद मिश्रित जल से अभिषेक करें। हरा वस्त्र और हरे फल शिव मंदिर में दान करें। ॐ नम: शिवाय मंत्र का जप करें।
कर्क राशि: जल तत्व वाली इस राशि का स्वामी चंद्रमा यदि जन्म कुंडली में अशुभकारक होकर नीच या शत्रुक्षेत्रीय हो तो सोमवार का व्रत करें। कर्पूर मिश्रित जल, दूध, दही, गंगाजल व मिश्री से शिवजी का अभिषेक करें। दूब और बिल्व पत्र चढ़ाएं। ॐ ह्रीं सौं नम: शिवाय मंत्र का जप करें।
सिंह राशि: अग्नि तत्व वाली इस राशि का स्वामी सूर्य नीचगत, शत्रुक्षेत्रीय या अशुभ कारक हो तो मिश्री व जल से अभिषेक करें। बिल्व पत्र के साथ लाल पुष्प चढ़ाएं। आक की माला अर्पित करें। शिवमहिम्न स्तोत्र का पाठ करें।
कन्या राशि: पृथ्वी तत्व वाली इस राशि के स्वामी बुध की अनुकूलता के लिए श्रावण मास में दूध और शहद से शिवलिंग पर अभिषेक करें। पंचामृत से शिवलिंग का स्नान कराएं। बिल्व पत्र चढ़ाए और धतूरा अर्पित करें। रूद्राष्टक का पाठ करें, तो अपयश और आर्थिक हानि से बच सकेंगे।
तुला राशि: वायु प्रधान इस राशि का स्वामी शुक्र है। श्रावण में दही और गन्ने के रस से अभिषेक करें। बिल्व पत्र के साथ तुलसी और हरश्रृंगार की माला चढ़ाएं। शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें।
वृश्चिक राशि: इस जलीय राशि का स्वामी मंगल है। दूब और बिल्व पत्र शिवलिंग पर गंगाजल के साथ चढ़ाएं। लाल चंदन का तिलक करें। शिवाष्टोत्तरशतनामावली का जप करें।
धनु राशि: अग्नि तत्व वाली इस राशि के स्वामी गुरू की प्रसन्नता के लिए कच्चे दूध में केसर, मिश्री व हल्दी मिलाकर शिवलिंग को स्नान कराएं। हल्दी व केसर से तिलक करें। रूद्र गायत्री "ॐ तत्पुरूषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।। तन्नोरूद्र प्रचोदयात्।।" का जप करें। केला, आम, पपीता का दान दें।
मकर राशि: पृथ्वी प्रधान इस राशि के स्वामी शनि की शांति के लिए घी, शहद, दही और बादाम के तेल से अभिषेक करें, नारियल के जल से स्नान कराकर नीलकमल अर्पित करें। लघु (त्रि अक्षरी) मृत्युंजय मंत्र "ॐ जूं स:" का जप करें।
कुंभ राशि: वायु प्रधान इस राशि का स्वामी भी शनि है। इस राशि के जातक तेल से अभिषेक करें, दूब और बिल्व पत्र के साथ शिवलिंग पर जल चढ़ाएं, तो ये शारीरिक कष्ट, धनहानि, पारिवारिक कष्ट, शत्रु भय जैसी बाधाओं से बच सकते हैं। बीमारी या शत्रुभय हो तो महामृत्युंजय मंत्र (संजीवनी विद्या) का जप करें।
मीन राशि: जल तत्व वाली इस राशि के स्वामी गुरू की कृपा के लिए श्रावण मास में कच्चे दूध में हल्दी मिलाकर शिवजी को अर्पित करें। तुलसी मंजरी के साथ बिल्वपत्र, पीले पुष्प और कनेर के पुष्प शिवलिंग पर चढ़ाएं। केसर का तिलक करें। शिव पंचाक्षर मंत्र "ॐ नम: शिवाय" का जप करें।