नवरात्री के नैवैध्य अनुसार फल
दुर्गा सप्तशती में प्रारम्भ और अंत में वर्णित देवी कवच, अर्गला, कीलक तथा सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के साथ ही साथ राशि के अनुसार एक अध्याय का भी पठन नवरात्र के नौ दिनों में किया जाए तो जीवन में मंगल होता है।
मेष: आप मंगल प्रधान हैं। केतु, शुक्र और सूर्य से भी प्रभावित हैं। आपको दुर्गा सप्तशती के पहले अध्याय के पठन से क्रोध और अवसाद से मुक्ति मिलगी। धन लाभ भी होगा।
दुर्गा सप्तशती में प्रारम्भ और अंत में वर्णित देवी कवच, अर्गला, कीलक तथा सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के साथ ही साथ राशि के अनुसार एक अध्याय का भी पठन नवरात्र के नौ दिनों में किया जाए तो जीवन में मंगल होता है।
मेष: आप मंगल प्रधान हैं। केतु, शुक्र और सूर्य से भी प्रभावित हैं। आपको दुर्गा सप्तशती के पहले अध्याय के पठन से क्रोध और अवसाद से मुक्ति मिलगी। धन लाभ भी होगा।
वृषभ: आप शुक्र प्रधान हैं। सूर्य,चन्द्र और मंगल से प्रभावित होने के
कारण बुद्धि और भावनाओं के सामंजस्य में त्रुटि कर बैठती हैं। आपको दुर्गा
सप्तशती के द्वितीय अध्याय का पठन पूरे नौ दिन करना चाहिये। अर्गला स्तोत्र
का भी पाठ करें।
मिथुन: आप बुध प्रधान हैं और मंगल, राहु और गुरु से प्रभावित भी। आप महत्वाकांक्षी तो है, पर आपसे आपके अधिकारी प्रसन्न नहीं रहते। अपनी समस्या के हल हेतु नौ दिन दुर्गा सप्तशती के सातवें अध्याय का पाठ करें, लाभ होगा।
कर्क: आप चन्द्र प्रधान हैं और गुरु, शनि और बुध ग्रहों से प्रभावित हैं। आप अपनी वाणी और भावनात्मक आवेग पर नियंत्रण कर जीवन में सफल हो सकती हैं। दुर्गा सप्तशती के पांचवें अध्याय का नौ दिन पाठ करें, यश बढ़ेगा।
सिंह: आप सूर्य प्रधान हैं। केतु व शुक्र भी आपको प्रभावित करते हैं। निर्णय लेने में हुई त्रुटि का आपके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता रहा है। पारिवारिक शांति के लिये प्रयास करें। दुर्गा सप्तशती के तृतीय अध्याय का पाठ नौ दिन करें।
कन्या: आपका बुध प्रधान होना आपको निर्णय लेने की अद्भुत योग्यता देता है। आप सूर्य, चन्द्र और मंगल ग्रह से प्रभावित हैं। नौ दिन दुर्गा सप्तशती के दसवें अध्याय का पाठ करें। आप भयमुक्त और चिंतारहित होंगी।
तुला: आप शुक्र ग्रह से प्रभावित हैं। मंगल, राहु और गुरु भी आपके व्यक्तित्व पर प्रभाव डालते हैं। दुर्गा सप्तशती के छठे अध्याय का पाठ करने से ऐश्वर्य और मानसिक शांति मिलेगी।
वृश्चिक: आपकी राशि का स्वामी मंगल है। गुरु, शनि व बुध से भी प्रभावित हैं। आपको अपनी व्यावहारिक कुशलता को बनाये रखना होगा और वाणी में मधुरता लानी होगी। दुर्गा सप्तशती के आठवें अध्याय का निरंतर पाठ करें।
धनु: गुरु के साथ आपको केतु, शुक्र और सूर्य प्रभावित करते हैं। दुर्गा सप्तशती के ग्यारहवें अध्याय के पठन से पद- प्रतिष्ठा और शांति प्राप्त होगी। पूरे नौ दिन रात्रि सूक्त का भी पठन करें।
मकर: आप शनि प्रधान हैं, साथ ही सूर्य, चन्द्र और मंगल से प्रभावित भी। न्याय की आस में आपका जीवन गुजरता है। न्याय की प्राप्ति और जीवन में अतुलनीय प्रगति के लिये दुर्गा सप्तशती के आठवें अध्याय का पठन करें।
कुम्भ: शनि प्रधान होने के कारण आप हठी हैं। मंगल, राहु और गुरु से प्रभावित होने के कारण दयालु भी हैं। अस्थिर रहती हैं। दुर्गा सप्तशती के चतुर्थ अध्याय का पाठ पूरे नौ दिन करें।
मीन: आप गुरु प्रधान हैं और शनि तथा बुध से प्रभावित। वैचारिक सामंजस्य ठीक न होने से चिंतित रहती हैं। व्यवसाय और विवाह संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। दुर्गा सप्तशती के नवम अध्याय के पाठ से लाभ होगा।
मिथुन: आप बुध प्रधान हैं और मंगल, राहु और गुरु से प्रभावित भी। आप महत्वाकांक्षी तो है, पर आपसे आपके अधिकारी प्रसन्न नहीं रहते। अपनी समस्या के हल हेतु नौ दिन दुर्गा सप्तशती के सातवें अध्याय का पाठ करें, लाभ होगा।
कर्क: आप चन्द्र प्रधान हैं और गुरु, शनि और बुध ग्रहों से प्रभावित हैं। आप अपनी वाणी और भावनात्मक आवेग पर नियंत्रण कर जीवन में सफल हो सकती हैं। दुर्गा सप्तशती के पांचवें अध्याय का नौ दिन पाठ करें, यश बढ़ेगा।
सिंह: आप सूर्य प्रधान हैं। केतु व शुक्र भी आपको प्रभावित करते हैं। निर्णय लेने में हुई त्रुटि का आपके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता रहा है। पारिवारिक शांति के लिये प्रयास करें। दुर्गा सप्तशती के तृतीय अध्याय का पाठ नौ दिन करें।
कन्या: आपका बुध प्रधान होना आपको निर्णय लेने की अद्भुत योग्यता देता है। आप सूर्य, चन्द्र और मंगल ग्रह से प्रभावित हैं। नौ दिन दुर्गा सप्तशती के दसवें अध्याय का पाठ करें। आप भयमुक्त और चिंतारहित होंगी।
तुला: आप शुक्र ग्रह से प्रभावित हैं। मंगल, राहु और गुरु भी आपके व्यक्तित्व पर प्रभाव डालते हैं। दुर्गा सप्तशती के छठे अध्याय का पाठ करने से ऐश्वर्य और मानसिक शांति मिलेगी।
वृश्चिक: आपकी राशि का स्वामी मंगल है। गुरु, शनि व बुध से भी प्रभावित हैं। आपको अपनी व्यावहारिक कुशलता को बनाये रखना होगा और वाणी में मधुरता लानी होगी। दुर्गा सप्तशती के आठवें अध्याय का निरंतर पाठ करें।
धनु: गुरु के साथ आपको केतु, शुक्र और सूर्य प्रभावित करते हैं। दुर्गा सप्तशती के ग्यारहवें अध्याय के पठन से पद- प्रतिष्ठा और शांति प्राप्त होगी। पूरे नौ दिन रात्रि सूक्त का भी पठन करें।
मकर: आप शनि प्रधान हैं, साथ ही सूर्य, चन्द्र और मंगल से प्रभावित भी। न्याय की आस में आपका जीवन गुजरता है। न्याय की प्राप्ति और जीवन में अतुलनीय प्रगति के लिये दुर्गा सप्तशती के आठवें अध्याय का पठन करें।
कुम्भ: शनि प्रधान होने के कारण आप हठी हैं। मंगल, राहु और गुरु से प्रभावित होने के कारण दयालु भी हैं। अस्थिर रहती हैं। दुर्गा सप्तशती के चतुर्थ अध्याय का पाठ पूरे नौ दिन करें।
मीन: आप गुरु प्रधान हैं और शनि तथा बुध से प्रभावित। वैचारिक सामंजस्य ठीक न होने से चिंतित रहती हैं। व्यवसाय और विवाह संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। दुर्गा सप्तशती के नवम अध्याय के पाठ से लाभ होगा।
Nice one post, thanks for sharing.
ReplyDeletelove marriage specialist - vashikaranprediction
Very interesting post Girl vashikaran mantra
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