कालसर्प दोषों के प्रकार
कालसर्प दोष बारह प्रकार के होते हैं:-
१.अनन्त कालसर्प दोष,यह पहले भाव में राहु और सातवेम भाव में केतु के रहने तथा अन्य ग्रहों का पहले भाव से सातवें भाव के बीच में रहने पर माना जाता है.
२.कुलिक कालसर्प दोष,यह कुलिक यानी कुल (कुटुम्ब) दूसरे भाव में राहु और आठवें भाव में केतु के रहने पर अलावा ग्रहों के दूसरे भाव से आठवें के मध्य में रहने प माना जाता है.
३.वासुकि कालसर्प दोष,यह कालसर्प दोष तीसरे भाव में राहु और नवें भाव में केतु के रहने तथा अन्य ग्रहों के तीसरे से नवें के मध्य रहने पर माना जाता है.
४.शंखपाल कालसर्प दोष,राहु चौथे भाव में और केतु दसवें भाव मे हो तथा सभी ग्रह एक तरफ़ हों.
५.पद्यम काल सर्प योग,राहु पांचवे और केतु ग्यारहवें भाव में हो तथा अन्य सभी ग्रह एक तरफ़ हों.
६.महापद्यम काल सर्प योग,राहु छठे और केतु बारहवें भाव में तथा अन्य ग्रह एक तरफ़ हों.
७.तक्षक कालसर्प योग,राहु सातवें और केतु पहले भाव में
८.करकट कालसर्प योग,राहु आठवें और केतु दूसरे भाव में तथा अन्य ग्रह एक तरफ़ हों.
९.शंखचूड कालसर्प योग,राहु नवें और केतु तीअरे भाव में तथा अन्य ग्रह एक तरफ़ हों.
१०.घातक कालसर्प योग,राहु दसवें और केतु चौथे भाव में तथा अन्य ग्रह एक तरफ़ हों.
११.विषधर कालसर्प योग,राहु ग्यारवें और केतु पांचवें भाव में विद्यमान हो और अन्य ग्रह एक तरफ़ हों.
१२.शेषनाग कालसर्प योग,राहु बारहवें और केतु छठे भाव में विद्यमान हो तथा अन्य सभी ग्रह एक तरफ़ हों.
कालसर्प दोष बारह प्रकार के होते हैं:-
१.अनन्त कालसर्प दोष,यह पहले भाव में राहु और सातवेम भाव में केतु के रहने तथा अन्य ग्रहों का पहले भाव से सातवें भाव के बीच में रहने पर माना जाता है.
२.कुलिक कालसर्प दोष,यह कुलिक यानी कुल (कुटुम्ब) दूसरे भाव में राहु और आठवें भाव में केतु के रहने पर अलावा ग्रहों के दूसरे भाव से आठवें के मध्य में रहने प माना जाता है.
३.वासुकि कालसर्प दोष,यह कालसर्प दोष तीसरे भाव में राहु और नवें भाव में केतु के रहने तथा अन्य ग्रहों के तीसरे से नवें के मध्य रहने पर माना जाता है.
४.शंखपाल कालसर्प दोष,राहु चौथे भाव में और केतु दसवें भाव मे हो तथा सभी ग्रह एक तरफ़ हों.
५.पद्यम काल सर्प योग,राहु पांचवे और केतु ग्यारहवें भाव में हो तथा अन्य सभी ग्रह एक तरफ़ हों.
६.महापद्यम काल सर्प योग,राहु छठे और केतु बारहवें भाव में तथा अन्य ग्रह एक तरफ़ हों.
७.तक्षक कालसर्प योग,राहु सातवें और केतु पहले भाव में
८.करकट कालसर्प योग,राहु आठवें और केतु दूसरे भाव में तथा अन्य ग्रह एक तरफ़ हों.
९.शंखचूड कालसर्प योग,राहु नवें और केतु तीअरे भाव में तथा अन्य ग्रह एक तरफ़ हों.
१०.घातक कालसर्प योग,राहु दसवें और केतु चौथे भाव में तथा अन्य ग्रह एक तरफ़ हों.
११.विषधर कालसर्प योग,राहु ग्यारवें और केतु पांचवें भाव में विद्यमान हो और अन्य ग्रह एक तरफ़ हों.
१२.शेषनाग कालसर्प योग,राहु बारहवें और केतु छठे भाव में विद्यमान हो तथा अन्य सभी ग्रह एक तरफ़ हों.
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