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Tuesday 23 July 2013

शंकरजी

शंकरजी- भगवान शंकर को धतूरे के पुष्प, हरसिंगार, व नागकेसर के सफेद पुष्प, सूखे कमल गट्टे, कनेर, कुसुम, आक, कुश आदि के पुष्प चढ़ाने का विधान है।शिवजी की पूजा में मालती, कुंद, चमेली, केवड़ा के फूल वर्जित किए गए हैं।भगवान शंकर पर फूल चढ़ाने का बहुत अधिक महत्व है। तप, शील, सर्वगुण संपन्न वेद में निष्णात किसी ब्राह्मण को सौ सुवर्ण दान करने पर जो फल प्राप्त होता है, वह शिव पर सौ फूल चढ़ा देने से प्राप्त हो जाता है।

जैसे दस सुवर्ण दान का फल एक आक के फूल को चढ़ाने से मिलता है, उसी प्रकार हजार आक के फूलों का फल एक कनेर से और हजार कनेर के बराबर एक बिल्व पत्र से मिलता है। समस्त फूलों में सबसे बढ़कर नीलकमल होता है।

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