किस तरह के फूल पूजा में नहीं चढाने चाहिये?
* कीड़े लगे फूल, बासी फूल भगवान को न चढ़ाएं।
* बिखरे या पेड़ से जमीन पर गिरे फूल भी देव पूजा में ना चढ़ाएं।
* कली या अधखिले फूल भी अर्पित न करें।
* भगवान पर चढ़ा, उल्टे हाथ में रखा, धोती के पल्ले में बांधकर लाया और पानी से धोया फूल भी न चढ़ाएं।
* पौधे पर जिस स्थिति में फूल खिलता है, उसी स्थिति में सीधे हाथ से भगवान को चढ़ाएं।
* फूलों को किसी टोकरी में तोड़कर लाएं।
* सूखे फूल न चढ़ाएं।.
* बिना नहाए पूजा के लिए फूल कभी ना तोड़े।किसी भी देवता के पूजन में केतकी के पुष्प नहीं चढ़ाए जाते।
एक अन्य बात विशेष रूप से उल्लेखनीय है और वह यह कि कमल और कुमुद के पुष्प
ग्यारह से पंद्रह दिन तक भी बासी नहीं होते। चंपा की कली के अलावा किसी भी
पुष्प की कली देवताओं को अर्पित नहीं की जाती। केतकी के पुष्प किसी भी
पूजन में अर्पित नहीं किए जाते। कुशा से मूर्ति पर जल न छिड़के।
किस तरह के फूल पूजा में नहीं चढाने चाहिये?
* कीड़े लगे फूल, बासी फूल भगवान को न चढ़ाएं।
* बिखरे या पेड़ से जमीन पर गिरे फूल भी देव पूजा में ना चढ़ाएं।
* कली या अधखिले फूल भी अर्पित न करें।
* भगवान पर चढ़ा, उल्टे हाथ में रखा, धोती के पल्ले में बांधकर लाया और पानी से धोया फूल भी न चढ़ाएं।
* पौधे पर जिस स्थिति में फूल खिलता है, उसी स्थिति में सीधे हाथ से भगवान को चढ़ाएं।
* फूलों को किसी टोकरी में तोड़कर लाएं।
* सूखे फूल न चढ़ाएं।.
* बिना नहाए पूजा के लिए फूल कभी ना तोड़े।किसी भी देवता के पूजन में केतकी के पुष्प नहीं चढ़ाए जाते।
एक अन्य बात विशेष रूप से उल्लेखनीय है और वह यह कि कमल और कुमुद के पुष्प ग्यारह से पंद्रह दिन तक भी बासी नहीं होते। चंपा की कली के अलावा किसी भी पुष्प की कली देवताओं को अर्पित नहीं की जाती। केतकी के पुष्प किसी भी पूजन में अर्पित नहीं किए जाते। कुशा से मूर्ति पर जल न छिड़के।
* कीड़े लगे फूल, बासी फूल भगवान को न चढ़ाएं।
* बिखरे या पेड़ से जमीन पर गिरे फूल भी देव पूजा में ना चढ़ाएं।
* कली या अधखिले फूल भी अर्पित न करें।
* भगवान पर चढ़ा, उल्टे हाथ में रखा, धोती के पल्ले में बांधकर लाया और पानी से धोया फूल भी न चढ़ाएं।
* पौधे पर जिस स्थिति में फूल खिलता है, उसी स्थिति में सीधे हाथ से भगवान को चढ़ाएं।
* फूलों को किसी टोकरी में तोड़कर लाएं।
* सूखे फूल न चढ़ाएं।.
* बिना नहाए पूजा के लिए फूल कभी ना तोड़े।किसी भी देवता के पूजन में केतकी के पुष्प नहीं चढ़ाए जाते।
एक अन्य बात विशेष रूप से उल्लेखनीय है और वह यह कि कमल और कुमुद के पुष्प ग्यारह से पंद्रह दिन तक भी बासी नहीं होते। चंपा की कली के अलावा किसी भी पुष्प की कली देवताओं को अर्पित नहीं की जाती। केतकी के पुष्प किसी भी पूजन में अर्पित नहीं किए जाते। कुशा से मूर्ति पर जल न छिड़के।
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