पलाश को हिंदी में ढ़ाक, टेसू, बंगाली में
पलाश, मराठी में पळस, गुजराती में केसुडा कहते है | इसके पत्त्तों से बनी पत्तलों
पर भोजन करने से चाँदी – पात्र में किये भोजन तुल्य लाभ मिलते है |
‘लिंग पुराण’ में आता है कि पलाश की समिधा
से ‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र द्वारा १० हजार आहुतियाँ
दें तो सभी रोगों का शमन होता है |
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