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Friday 18 November 2011

शनि की साढ़ेसाती



विभिन्न पंचांगों के गणित के अनुसार विभिन्न तारीखों में एवं कम्पयूटर के अनुसार पंद्रह नवंबर से शनि अपनी राशि बदलकर तुला में जा रहा हैं। तुला में शनि उच्च का होता है। यह शुक्र के स्वामित्व वाली राशि है। इस राशि का मान पांच घटी चौदह पल होता हैं। शनि का दूसरा ढैय्या इस राशि पर होगा। साथ ही सिंह राशि से शनि की साढ़ेसाती समाप्त हो जाएगी तथा कन्या राशि में शनि की साढ़ेसाती का अंतिम ढैय्या रहेगा। मिथुन एवं कुंभ राशि से भी शनि का ढैय्या समाप्त हो जाएगी तथा वृश्चिक राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरु हो जाएगी तथा कर्क एवं मीन में शनि का ढैय्या शुरु हो जाएगा।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार शनि का एक राशि में यदि वक्रि नहीं हो तो ढाई वर्ष तक रहता हैं।

आइए जानते हैं कि पं. शर्मा के अनुसार आने वाले ढाई सालों मे तुला राशि का शनि किस राशि पर क्या प्रभाव डालेगा...

मेष- इस राशि से सातवां शनि इसके लिए शुभकारी होगा। व्यवसाय में तरक्की एवं लाभ होगा। परिवार में सदस्यों में वृद्धि होगी।

वृषभ-छठा शनि थोड़े रोगों में वृद्धि करेगा किंतु अर्थलाभ भी देगा। पदौन्नति के योग बनेंगे। परिवार में शांति स्थापित होगी।

मिथुन-पाचंवा शनि कार्य करने के तरिके में बदलाव लाएगा। नए मित्र बनेंगे। आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। रोजगार की प्राप्ति होगी।

कर्क-चौथा शनि कुछ परेशान करने वाला होाग। अपना मार्ग सही रखें तथा माता-पिता एवं आंगतुक की सेवा करें। शनि का ढैय्या रहेगा।

सिंह-तीसरा शनि आपको सभी प्रकार से लाभ देने वाला होगा। शांति महसूस करेंगे। रोग एवं विकारों से छुटाकारा मिलेगा।

कन्या-उतरती शनि की साढ़ेसाती आपकी राशि के लिए लाभदायक हैं। कोई विशेष लाभ देकर शनि उतरेगा।

तुला-पेट दर्द संबंधी समस्या हो सकती हैं। आपकी राशि में शनि का गोचर आपको मनचाही सफलता दिलाएगा।

वृश्चिक-शनि की साढेसाती शुरु होगी। कुछ आर्थिक परेशानियों का सामना करना होगा। कार्यों में बाधा उत्पन्न होगी। हनुमानजी का दशर््ान करें।

धनु-ग्यारहवां शनि आपके शुभदायक होगा। कार्य बढेगा। बाधाएं समाप्त होगी। निंरतर शुभ समाचार प्राप्त होंगे।

मकर-दसवां शनि आपके  लिए सफलता दिलाने वाला होगा। नए कारोबार की स्थापना होगी। धन के मामलों में सफलता प्राप्त होगी।

कुंभ-न्यायलयीन मामलों में सफलता प्राप्त करेंगे। नौकरी में पदौन्नति के अवसर मिलेंगे। स्थंातरण का योग भी हैं।

मीन-वाहन एवं लौह सामग्रियों से सावधान रहें। विवादों से दूर रहने का प्रयास करें। गरीबों की सेवा एवं ऐसा प्रयास करें कि आपकी वजह से दूसरों को दुख न हो।

This page printed from: http://religion.bhaskar.com/article/jyts-shani-changing-rashi-on-15-november-2011-2558757.html

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