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Monday 1 August 2011

परीक्षा में सफलता हेतु टोटके

परीक्षा में सफलता हेतु टोटके
१॰ ब्राह्मी बूटी को गले में धारण करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है तथा शिक्षा के प्रति एकाग्रता में भी वृद्धि होती है।
२॰ विद्यार्थी को ऐसे स्थान पर बैठकर नहीं पढ़ना चाहिए, जहाँ पर बाहर की वायु का प्रवाह सीधे विद्यार्थी तक पहुँचता हो, अर्थात् द्वार एवं खिड़की के समीप बैठकर नहीं पढ़ना चाहिए।
३॰ विद्यार्थियों को अपने कक्ष में हरे पर्दे अथवा हरे टेबल कवर प्रयोग करने चाहिए।
४॰ किसी पुस्तक का अध्ययन करने से पूर्व उस पुस्तक को ससम्मान अपने मस्तक से लगाना चाहिए। यदि पुस्तक खंडित हो, तो ऐसी पुस्तक के अध्ययन से एकाग्रता भंग होती है। खाते-पीते हुए अध्ययन नहीं करना चाहिए। चाय एवं सिगरेट पीते समय भी अध्ययन नहीं करना चाहिए।
५॰ गंदे हाथों से गंदे स्थानों पर पुस्तक नहीं रखनी चाहिए। अध्ययम करते समय अन्य कार्य नहीं करने चाहिए। समय-समय पर पुस्तकों की साफ-सफाई एवं देखभाल करनी चाहिए।
६॰ कुछ समय के लिए पुस्तकों को धूप में रखना चाहिए। इससे सूर्य का प्रभाव प्रबल होता है। विशेष रुप से जिन जातकों की कुण्डली में सूर्य-बुध का योग हो, सूर्य के प्रकाश में अध्ययन करने से वे शीघ्र ही विषय में पारंगत होते हैं।
७॰ यदि अध्ययन कक्ष पृथक् नहीं हो, तो सामूहिक कक्ष में पूर्व दिशा की ओर मुख करके इस प्रकार बैठना चाहिए कि मुख दीवार की ओर रहे। कोने में विद्यार्थी को नहीं बैठना चाहिए। विशेष रुप से दीवार की ओर मुख करके बैठने से विद्यार्थी की प्रतिभा प्रकट नहीं होती।
८॰ विद्यार्थी को बासी भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसे व्यक्ति रचनात्मक कार्यों एवं विचारों से पृथक् रहते हैं।
९॰ विद्यार्थी को अपने कानों को बालों से नहीं ढ़कना चाहिए। ऐसी स्थिति में विद्यार्थी भ्रमित तथा लापरवाह हो जाते हैं।
१०॰ यदि अध्ययन के प्रति एकाग्रता कम हो रही हो तो नवग्रहों के रंग के अनुसार नौ अकीक हरे वस्त्र में बाँधकर विद्यार्थी को अपने अध्ययन कक्ष में रखना चाहिए तथा प्रत्येक बुधवार को उन्हें देखकर पुनः बाँध देना चाहिए।
११॰ फेंगशुई के अनुसार जिस विद्यार्थी के कक्ष में एज्युकेशन टावर (Education Tower) होता है, उसे शिक्षा में निरन्तर सफलता प्राप्त होती है। एज्युकेशन टावर को समतल स्थान में रखना चाहिए, उसे किसी आलमारी में बंद करके नहीं रखना चाहिए।
१२॰ विद्यार्थी को अध्ययन कक्ष में पूर्व-उत्तर (ईशान) में सरस्वती देवी का चित्र अवश्य लगाना चाहिए तथा प्रतिदिन प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होकर माता सरस्वती के चित्र के सम्मुख निम्नलिखित मन्त्र का १०८ बार जप करना चाहिए। "ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं ॐ सरस्वत्यै नमः।"
१३॰ जुते पहन कर अध्ययन कक्ष में नहीं पढ़ना चाहिए। अध्ययन कक्ष की टेबल पर ताश, शतरंज आदि अन्य खेल नहीं खेलना चाहिए।
१४॰ परीक्षा के लिए जाते समय पूज्य व्यक्तियों के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेना चाहिए तथा घर के पूजाघर में गौघृत का दीपक जलाकर जाना चाहिए।
१५॰ परीक्षाओं के दौरान घर में भूमि पर शयन करना चाहिए।
१६॰ परीक्षाओं के दौरान विद्यार्थी के कक्ष के द्वार पर नीम की डाली लगानी चाहिए।

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