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Tuesday 9 August 2011

वास्तु: हल्दी,नमक,धनिया,लाएं घर में बरकत


क्या आपको मालूम हें कि भारत वर्ष के कई राज्यों में अब भी यह परंपरा है कि अपनी बेटी कि शादी के समय विदाई करते समय बेटी को चाहे ओर कुछ भी दिया हो लेकिन नमक साबुत या थैली वाला अवश्य देंगे.                         
  
यह तो बात नमक के व्यवहार की थी. लेकिन आज विषय हमारा घर के वास्तु से सम्बंधित है. नमक के बाद
हल्दी कितनी शुभ मानी जाती है यह सबको पता है कहने या लिखने की आवश्यकता नहीं.हल्दी की गांठे साक्षात गणपति का स्वरुप मानी जाती है.
लक्ष्मी मां का आसान कमाल हैं कमलगट्टा उसी लक्ष्मी को आवाहन कर के स्थिर करने का आसान है.
कहावत हें कि धना को धना अर्थात धनिया (खड़ा धनिया) धन को आकर्षित करने वाला धनिया आयुर्वेद में भी अनेक रोगों का नाश करता है.

इसलिए वास्तु शास्त्र तथा हमारे पूज्यनीय मार्गदर्शक सद्ग्रन्थ सब का यही एक मत रहा है कि घर में १- नमक, २ – कमलगट्टा, ३ – हल्दी(साबुत), ४–साबुत-धनिया यह चार वस्तुए हमें चार प्रकार के सुख धर्म,अर्थ,काम ओर मोक्ष प्रदान करती है. जहाँ ये चार पदार्थ होंगे वहाँ शान्ति बनी रहेगी धन,पुत्र, भूमि आदि सभी सुख उस घर में स्थायी रूप से निवास करते है.

इन चार वस्तुओ को हम अपने घरों में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में नमक साबुत,धनिया तथा हल्दी की कम से कम ५ पांच गाँठ ओर कमलगट्टे कम से कम ११ नग होने चाहिये.अच्छी तरह से साफ़ कर के छोटी-छोटी पोलिथिन में अलग-अलग डाल कर बंद कर के किसी बड़ी पोलिथिन में डाल कर अपने घर के ईशानकोण में किसी सुरक्षित स्थान पर रख दे.

 इसे केवल पूर्णिमा के दिन ही रखें. इन्हें समय समय पर चार या छह माह बाद चैक कर ले यदि कोई वास्तु खराब होने लगे तो उसे जल प्रवाह कर नया रख दे. इसके करने से आपका घर पूर्णतया माता लक्ष्मी का निवास बन जायगा. बरकत कभी भी खत्म नहीं होगी.रोग, शत्रु आदि कोसों दूर ही रहेंगे.


वास्तु का यह अदभुत प्रयोग करे और अपने घर में स्थायी सुख का स्थान सुरक्षित कर लें.
आपके विचारों की मै उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहा हूं..........








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