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Thursday 4 August 2011

इस मंत्र के साथ नाग पूजा से पूरी होगी तमन्ना

इस मंत्र के साथ नाग पूजा से पूरी होगी तमन्ना

हिन्दू धर्म शास्त्रों के मुताबिक हिन्दू पंचांग की पंचमी तिथि के स्वामी शेषनाग है। वहीं पौराणिक मान्यताओं में नाग जाति की उत्पत्ति शिव कृपा से ही मानी गई है। यही कारण है कि शिव भक्ति के काल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी पर नाग पूजा व दर्शन बहुत ही शुभ मानी गई है। आज वही शुभ दिन यानी नागपंचमी है।
धार्मिक मान्यताओं में नागपूजा दरिद्रता और कलह दूर कर खुशहाली लाती है। वैवाहिक, संतान सुख और कामनाएं पूरी होती है। इसलिए यहां जाने एक विशेष नाग मंत्र के साथ नाग पूजा का आसान उपाय -

- नागपंचमी का व्रत रखें।
- स्नान कर नागपंचमी का व्रत रख देवालय में शिव के साथ नाग प्रतिमा की पूजा करें।
- शिव व नाग को दूध से स्नान, सफेद कमल व सुगंधित चंदन चढ़ाएं।
- भोग में खीर, चावल और सेवईयां अर्पित करें और नाग पूजा के बाद नाग स्त्रोत का पाठ करें। नीचे लिखा मंत्र भी नाग पूजा या उसके बाद बोलना अनिष्ट शांति के लिये चमत्कारी माना गया है -

ऊँ कुरुकुल्ये हुं फट् स्वाहा ।

- पूजा, मंत्र जप के बाद धूप, दीप से शिव व नाग आरती करें।
- घर की दीवारों पर लकड़ी, मिट्टी, सोने या चांदी की कलम से चन्दन या हल्दी की स्याही से या फिर घर के दरवाजे के दोनों ओर गोबर से नाग बनाकर उनका गंध, पुष्प, अक्षत, दूर्वा, दही, लड्डू और मालपूआ अर्पित कर पूजा करें।
- साक्षात् नागदर्शन या नाग की बांबी की पूजा भी शुभ है।
- पुराने वस्त्र, अन्न सपेरों को दान करें।

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