यहां कुछ ऐसे देवताओं के मंत्र बताए जा रहें हैं। जिनको घर, कार्यालय, सफर में मन ही मन बोलना भी संकटमोचक माना गया है। इन मंत्रों को बोलने के अलावा यथासंभव समय निकालकर साथ ही बताई जा रही पूजा सामग्री संबंधित देवता को जरूर चढ़ाएं -
शिव – पंचाक्षर मंत्र – नम: शिवाय, षडाक्षरी मंत्र ऊँ नम: शिवाय
पूजा सामग्री – जल व बिल्वपत्र।
श्री गणेश – ऊँ गं गणपतये नम:
पूजा सामग्री – दूर्वा, सिंदूर
विष्णु – ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय
पूजा सामग्री – पीले फूल या वस्त्र
महामृंत्युजय मंत्र – ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धि पुष्टिवर्द्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धानान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।
पूजा सामग्री – दूध मिला जल, धतूरा।
श्री हनुमान – ऊँ हं हनुमते नम:
पूजा सामग्री – सिंदूर, गुड़-चना
इन मंत्रों के जप के समय सामान्य पवित्रता का ध्यान रखें। जैसे घर में हो तो देवस्थान में बैठकर, कार्यालय में हो तो पैरों से जूते-चप्पल उतारकर इन मंत्र और देवताओं का ध्यान करें। इससे आप मानसिक बल पाएंगे, जो आपकी ऊर्जा को जरूर बढ़ाने वाले साबित होंगे।
शिव – पंचाक्षर मंत्र – नम: शिवाय, षडाक्षरी मंत्र ऊँ नम: शिवाय
पूजा सामग्री – जल व बिल्वपत्र।
श्री गणेश – ऊँ गं गणपतये नम:
पूजा सामग्री – दूर्वा, सिंदूर
विष्णु – ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय
पूजा सामग्री – पीले फूल या वस्त्र
महामृंत्युजय मंत्र – ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धि पुष्टिवर्द्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धानान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।
पूजा सामग्री – दूध मिला जल, धतूरा।
श्री हनुमान – ऊँ हं हनुमते नम:
पूजा सामग्री – सिंदूर, गुड़-चना
इन मंत्रों के जप के समय सामान्य पवित्रता का ध्यान रखें। जैसे घर में हो तो देवस्थान में बैठकर, कार्यालय में हो तो पैरों से जूते-चप्पल उतारकर इन मंत्र और देवताओं का ध्यान करें। इससे आप मानसिक बल पाएंगे, जो आपकी ऊर्जा को जरूर बढ़ाने वाले साबित होंगे।
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