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Saturday 6 August 2011

भगवान् शंकर पर चढाये जाने वाले फूल एवं उनका महत्त्व ~



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   शास्त्रों   ने  कुछ  फूलों  के  चढाने  से  मिलने   वाले   फल  का  तारतम्य   बतलाया  है  
,  जैसे  दस  स्वर्ण - माप   के  बराबर  स्वर्ण- दान  का    फल   एक  आक   के  फूल  को  चढाने  से  मिल   जाता  है 
,
   हज़ार  आक   के  फूलों   कि  अपेक्षा  एक   कनेर  का  फूल, 
 
  हज़ार   कनेर  के  फूलों  के  चढाने   कि  अपेक्षा  एक  बिल्व -पत्र    से  मिल  जाता   है  और
 
  हज़ार  बिल्व-पत्रों   कि  अपेक्षा  एक  गूमा-फूल ( द्रोण -पुष्प )
 
हज़ार  गूमा  से   बढ़कर  एक  चिचिडा ( अपामार्ग)
 
हज़ार  अपमार्गों  से  बढ़कर  एक   कुश  का  फूल  ,
 
   हज़ार   कुश  के  फूलों   से   बढ़कर  एक 
  शमी  का   पत्ता , 
 
  हज़ार   शमी  के  पत्तों   से   बढ़कर  एक  नीलकमल  ,
 
  हज़ार   नीलकमल   से   बढ़कर  एक  धतूरा  ,
 
  हज़ार  धतूरों   से    बढ़कर  एक  शमी  का  फूल  होता   है !     * अंत  में  शास्त्र  में  स्पष्ट  रूप  से   कहा  गया  है  कि   फूलों   कि  प्रजाति  में   सबसे   बढ़कर  नीलकमल  ही   भगवान्  शिव  जी  का  सर्वाधिक   प्रिय   पुष्प  है ! *

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