शास्त्रों ने कुछ फूलों के चढाने से मिलने वाले फल का तारतम्य बतलाया है
, जैसे दस स्वर्ण - माप के बराबर स्वर्ण- दान का फल एक आक के फूल को चढाने से मिल जाता है
,
हज़ार आक के फूलों कि अपेक्षा एक कनेर का फूल,
हज़ार कनेर के फूलों के चढाने कि अपेक्षा एक बिल्व -पत्र से मिल जाता है और
हज़ार बिल्व-पत्रों कि अपेक्षा एक गूमा-फूल ( द्रोण -पुष्प ) ,
हज़ार गूमा से बढ़कर एक चिचिडा ( अपामार्ग) ,
हज़ार अपमार्गों से बढ़कर एक कुश का फूल ,
हज़ार कुश के फूलों से बढ़कर एक
शमी का पत्ता ,
हज़ार शमी के पत्तों से बढ़कर एक नीलकमल ,
हज़ार नीलकमल से बढ़कर एक धतूरा ,
हज़ार धतूरों से बढ़कर एक शमी का फूल होता है ! * अंत में शास्त्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि फूलों कि प्रजाति में सबसे बढ़कर नीलकमल ही भगवान् शिव जी का सर्वाधिक प्रिय पुष्प है ! *
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