हनुमान चालीसा प्रयोग
यदि आप निरपराध हैं फिर भी किसी दंड के शिकार हो रहे हों। कोर्ट/ पुलिस के चक्कर लगाने पड़ रहे हों अथवा निर्दोष होते हुए भी किसी संकट में फंस गए हों तो यह उपाय आपको संकट मुक्त करेगा। हनुमानजी पर पूर्ण विश्वास हनुमान जयंती के दिन प्रात: अथवा मंगलवार की रात्रि को हनुमानजी को चोला स्त्रान आदि करवाकर मंदिर अथवा घर में एक आसन पर बैठकर निरंतर 108 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। दोहे के प्रारंभ और अंत में -दीन दयाल बिरद संभारी, हरहु नाथ मम संकट भारी। का संपुट अवश्य लगाएं। प्रत्येक पाठ के पpात् एक चम्मच जल दूसरी कटोरी अथवा प्लेट में फूंक मार कर छोड़ दिया करें। गिनने के लिए रूद्राक्ष की माला प्रयोग कर सकते हैं। प्रयोग के समय बजरंगबली का चित्र या श्रीविग्रह होना चाहिए। लाल वस्त्र, लाल आसन, स्वयं का पूर्व अथवा उत्तर मुख होना आवश्यक है। पूरे समय दीपक और गुगल की अगरबत्ती जलती रहनी चाहिए। अंत में दशांश हवन करना चाहिए। लगातार चालीस दिन चालीस बार का संकल्प लेकर पढ़ने पर कार्य बाधा, बन्धन और शत्रु बाधा से निवारण हो जाता है।
यदि आप निरपराध हैं फिर भी किसी दंड के शिकार हो रहे हों। कोर्ट/ पुलिस के चक्कर लगाने पड़ रहे हों अथवा निर्दोष होते हुए भी किसी संकट में फंस गए हों तो यह उपाय आपको संकट मुक्त करेगा। हनुमानजी पर पूर्ण विश्वास हनुमान जयंती के दिन प्रात: अथवा मंगलवार की रात्रि को हनुमानजी को चोला स्त्रान आदि करवाकर मंदिर अथवा घर में एक आसन पर बैठकर निरंतर 108 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। दोहे के प्रारंभ और अंत में -दीन दयाल बिरद संभारी, हरहु नाथ मम संकट भारी। का संपुट अवश्य लगाएं। प्रत्येक पाठ के पpात् एक चम्मच जल दूसरी कटोरी अथवा प्लेट में फूंक मार कर छोड़ दिया करें। गिनने के लिए रूद्राक्ष की माला प्रयोग कर सकते हैं। प्रयोग के समय बजरंगबली का चित्र या श्रीविग्रह होना चाहिए। लाल वस्त्र, लाल आसन, स्वयं का पूर्व अथवा उत्तर मुख होना आवश्यक है। पूरे समय दीपक और गुगल की अगरबत्ती जलती रहनी चाहिए। अंत में दशांश हवन करना चाहिए। लगातार चालीस दिन चालीस बार का संकल्प लेकर पढ़ने पर कार्य बाधा, बन्धन और शत्रु बाधा से निवारण हो जाता है।
No comments:
Post a Comment