श्राध्द के लिए विशेष बातें |
1. श्राध्दकर्ता को श्राध्द पक्ष में पान खाना, शरीर पर तेल लगाना, दूसरे के यहाँ भोजन करना, लोहे के पात्र का प्रयोग करना, यहाँ तक की स्टील का भी प्रयोग नहीं करना चाहिए, दौने या पत्तलाेंं का प्रयोग करना चाहिए। 2. श्राध्द में श्रीखण्ड, कपूर, सफेद चन्दन का प्रयोग उत्तम माना जाता है। 3. कस्तुरी, रक्त चंदन, गोरोचन, इत्यादि की गंध का प्रयोग नहीं करना चाहिए। 4. कदम्ब, केवडा, मौलसिरी, बेलपत्र, करवीर, लाल एवं काले रंग के पुष्प तेज गन्ध वाले पुष्प उवं गन्ध रहित पुष्पों का प्रयोग श्राध्द में निषिध्द है। 5. श्राध्द करने के लिए कृष्णपक्ष एवं अपराह्न को श्रेष्ठ माना जाता है। 6. चतुर्दशी को श्राध्द नहीं करना चाहिए, लेकिन जो पितर युध्द में या शस्त्रादि से मारे गए हों, उनके लिए चतुर्दशी का श्राध्द करना शुभ रहता है। 7. दिन का आठवाँ मर्ुहूत्त काल कुतप कहलाता है। इस समय में सूर्य का ताप घटने लगता है। उस समय में पितरों के लिए दिया गया दान अक्षय होता है। 8. मध्याह्न काल, खंगपात्र, नेपालकम्बल, चाँदी, कुश, तिल गौ एवं दौहित्र ये आठों भी कुतप के नाम से जाने जाते हैं अर्थात श्राध्द में प्रयोग करने पर शुभ फलदायी होते हैं। 9. श्राध्दकाल में मन एवं तन को बाहर एवं भीतर से पवित्र रखना चाहिए, क्रोध एवं जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। श्राध्द का स्थान ऐसा होना चाहिए जहाँ मन आसानी से एकाग्र हो सके। |
We cannot change the circumstances in which our soul chose to be born, but we can definitely change the circumstances in which we grow.ASTROLOGY, VASTU SASTRA, AURA, AROMA. SHIVYOG,ARTOF LIVING, ISHAYOG,OSHO AND NEWAGE MEDITATION अध्यात्म, ज्योतिष, यन्त्र-मन्त्र-तन्त्र, वेद, पुराण, इतिहास, गुढ़-रहस्य समस्त समस्या का निराकरण सम्भव नहीं है, मात्र कुछेक समस्या का ही समाधान सम्भव है। Accurate Horoscope Analysis and Remedies for All Problems
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Monday 1 August 2011
श्राध्द के लिए विशेष बातें
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