जैसे घर के बाहर की मज़बूत दीवार घर की सुरक्षा करती है। ठीक उसी प्रकार से मनुष्य शरीर की सुरक्षा यह विद्युतीय आभा (Aura) करता है । मनुष्य शरीर में अग्नि तत्व कमज़ोर होते ही यह विद्युतीय आभा (Aura) भी कमज़ोर पड़ने लगता है । विद्युतीय आभा (Aura) कमज़ोर होते ही मनुष्य के शरीर में जीवाणु / विषाणु प्रवेश कर मनुष्य को बीमार कर देते हैं । |
1.शरीर में पैरों के नीचे से लेकर अंडकोष तक के पीछे तक पृथ्वी तत्व होता है । पृथ्वी तत्व बुध ग्रह के द्वारा संचालित होता है । |
2.मूत्राशय से लेकर नाभि के नीचे तक जल तत्व होता है । जल तत्व चन्द्रमा ग्रह के द्वारा संचालित होता है । |
3.नाभि में अग्नि तत्व होता है । अग्नि तत्व सूर्य से संचालित होता है । |
4.नाभि के ऊपर से लेकर आंखों की भौं तक वायु तत्व होता है| वायु तत्व शनि ग्रह के द्वारा संचालित होता है । |
5.आखों की भौं से लेकर सिर के सबसे ऊपरी सिरे तक आकाश तत्व होता है । आकाश तत्व ब्रृहस्पति ग्रह के द्वरा संचालित होता है। |
We cannot change the circumstances in which our soul chose to be born, but we can definitely change the circumstances in which we grow.ASTROLOGY, VASTU SASTRA, AURA, AROMA. SHIVYOG,ARTOF LIVING, ISHAYOG,OSHO AND NEWAGE MEDITATION अध्यात्म, ज्योतिष, यन्त्र-मन्त्र-तन्त्र, वेद, पुराण, इतिहास, गुढ़-रहस्य समस्त समस्या का निराकरण सम्भव नहीं है, मात्र कुछेक समस्या का ही समाधान सम्भव है। Accurate Horoscope Analysis and Remedies for All Problems
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Wednesday 10 August 2011
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