हर व्यक्ति के जीवन में कोई न कोई परेशानी अवश्य होती है। इन परेशानियों के कई कारण हो सकते हैं। यदि जन्म कुंडली का अध्ययन किया जाए तो हम पाएंगे कि किसी न किसी अशुभ ग्रह के कारण यह सब परेशानी हमारे जीवन में आती है। इन परेशानियों को समाप्त करने का सबसे आसान उपाय है इन ग्रहों को शांत करने वाले मंत्र। कुंडली के अनुसार जो भी ग्रह अशुभ प्रभाव डाल रहा हो यदि उसके मंत्र का रोज विधि-विधान से जप किया जाए तो उसका अशुभ प्रभाव कम हो जाता है। सभी ग्रहों के मंत्र इस प्रकार हैं-
मंत्र
- सूर्य मंत्र- ऊँ घृणि सूर्याय नम:।
- चन्द्र मंत्र-ऊँ सों सोमाय नम:।
- मंगल मंत्र-ऊँ अंगारकाय नम:।
- बुध मंत्र - ऊँ बुं बुधाय नम:।
- गुरु मंत्र- ऊँ बृं बृहस्पत्ये नम:।
- शुक्र मंत्र- ऊँ शुं शुक्राय नम:।
- शनि मंत्र- ऊँ शं शनैश्चराय नम:।
- राहु मंत्र- ऊँ रां राहवे नम:।
- केतु मंत्र- ऊँ कें केतवे नम:।
मंत्र
- सूर्य मंत्र- ऊँ घृणि सूर्याय नम:।
- चन्द्र मंत्र-ऊँ सों सोमाय नम:।
- मंगल मंत्र-ऊँ अंगारकाय नम:।
- बुध मंत्र - ऊँ बुं बुधाय नम:।
- गुरु मंत्र- ऊँ बृं बृहस्पत्ये नम:।
- शुक्र मंत्र- ऊँ शुं शुक्राय नम:।
- शनि मंत्र- ऊँ शं शनैश्चराय नम:।
- राहु मंत्र- ऊँ रां राहवे नम:।
- केतु मंत्र- ऊँ कें केतवे नम:।
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