लक्ष्मी प्राप्ति हेतु तांत्रिक लक्ष्मी प्रयोग
“इस दुनिया में दो बड़े दामोदर और दाम दामोदर बैठा रहे दाम बनाये काम “
संसार में कोई भी काम बिना धन के संपन्न नही होता इसलिए भाव के परिवेश में लक्ष्मी की प्राप्ति बहुत जरुरी है .इसके तो वैसे अनेको तरीके है किन्तु हम यहाँ लक्ष्मी प्राप्ति हेतु दिवाली पर पाठको को भेट स्वरुप एक अचूक प्रयोग दे रहे है वैसे यह प्रयोग कभी भी किया जासकता है पर किसी और समय से ज्यादा यहे प्रयोग दिवाली की रात को प्रभावी होता है. हमे पूर्ण विशवास है की साधक,इस प्रयोग का पूरा लाभ उठाएंगे.
मंत्र :-
” श्री शुक्ले महाशुक्ले कमल दल निवासे
श्री महा लक्ष्मीये नमो नम: |लक्ष्मी मई सत की सवाई
आवो चेतो करो भलाई|ना करो तो सात समन्दरो की दुहाईs
रिर्द्धि सिद्धी खावोगी तो नो नाथ चोरासी सीधो की दुहाई “
प्रयोग :-
दिवाली की रात को लक्ष्मी जी की मेटल की मूर्ति या उनके चित्र को रखकर उनका पंचोपचार या षोडषोपचार पूजन करे जिसमे तिलक गोरोचनका ,केसर का होना चाहिए और बचे हुए तिलक को अपने माथे पर और अपने घर की चार चोखठों पर लगाये या घर के चार स्थान पर लगाये तत्पशयात कमल गट्टे की माला से १०८ मंत्र का जाप करे|दक्षिण में चदा हुआ सिक्का चाडी का होना चाहिए |शुरू से अंत तक की पूजा में अपने आगे एक पानी का लोटा रखा होना चाहिए |जप पूरा करने के बाद दिवाली के अगले दिन वहे सिक्का अपने खजाने,तिजोरी,या पैसो के स्थान में रखे तथा जल सारे घर में छिदक ड़े और थोडा-थोडा पीले,और माला लक्ष्मी जी के गले में पहनादे |इस क्रिया से यहे मंत्र और माला जाप सिद्ध होजायेगा |
उसके पशचाट रोजाना अपने रोजगार या अपनी गड्डी पर बैटके ११ बार मंत्र पढ़े जी वन भर आपको धन का आभाव नही होगा .
इस विषय या किसी भी विषय की जानकारी के लिए आप हमसे संपर्क करसकते है.
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए दिवाली पर किये जाने वाला एक अनोखा प्रयोग :-
त्रायोदशी ,धन तेरस के दिन लघु श्रीफल,दो पिली कोडी एक गोमती चक्र ,दोकड़ी रक्त गुत्र्जा एक मोती,छोटा सा चांदी का पत्रा,तीन सुपारी दो जायफल,ये सभी चिज्जे लक्ष्मी जी का पंचोचार पूजन करके एक लाल कपडा लेकर उसमे ये सभी चिज्ज़े माँ के आगे रखकर ११ माला मंत्र जाप करे तथा अमावस (दिवाली) की रात को भी कर सकते करे .
दिवाली की रात जाप करने के बाद निन्न्म मंत्रो से पांच माला मंत्रो द्वारा खीर की आहुतियां दे तथा श्री सूक्त की १६ रिचाओ से १६ आहुतियां खीर की इस कार्य को करने के पशचाट शुद्ध जल से माँ को आचमन करवाकर सभी सामग्री वही रखी रहेनेदे|
दिवाली के अगले दिन माँ के आगे लाल कपडे में रखी हुई सभी वस्तुओ को माँ का प्रसाद मानकर उठाये और उसकी एक पोटली बनाकर उसे लाल कलावे से लपतले ,ध्यान रखे की कलावे में गांठ न लगे .उस पोटली को खजाने में रखे ये कुबेर का खजाना बनगया ,यहे पोटली जिस घर में रखी होगी उस घर में धन धान्ये की अति व्रधि रहेगी |प्रत्येक वर्ष दिवाली या नवरात्रों पर इसी कर्म से पूजन करना होगा,यहे प्रयोग नवरात्रों की अष्टमी या नवमी को भी किया जासकता है |
जप मंत्र :-
ॐ श्रीं ह्लीं श्री कमले कमलालये प्रसिद्ध प्रसिद्ध श्रीं ही श्रीं औम्मः लाक्स्मेये नमः |
नोट: इन तांत्रिक प्रयोगों द्वारा प्राप्त किया गया धन का प्रयोग अनेक्तिकता में न करे ,
अन्यथा सिद्दी नष्ट हो जाएगी |
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