सिख धर्म का चमत्कारिक सबद
इस भागदोड़ भरी जिंदगी में इंसान एक धर्म को ही ठीक प्रकार से नहीं जान पाता है। जबकि हर धर्म में ऐसी कई बातें हैं जो हमारे लिये बडी़ मददगार शाबित हो सकती हैं। कोई पूजा-अनुष्ठान, मंत्र-तंत्र या टोने-टोटके ऐसे होते हैं जो कठिन से कठिन समस्या को आश्चर्यजनक रूप से बहुत सीघ्र ही दूर कर देते हैं। सिक्ख धर्म में सबद के रूप में कुछ ऐसे मंत्र हैं
जिनका नियम पूर्वक जप करने से वर्षों पुरानी बीमारी भी हमैशा के लिये दूर हो जाती है। किसी भी प्रकार के रोग को दूर करने के लिए निम्नलिखित सबद का 41 दिन तक नित्य 108 बार जप करना चाहिए:-
सेवी सतिगुरु आपणा हरि सिमरी दिन सभी रैणि।
आपु तिआगि सरणि पवां मुखि बोली मिठड़े वैण।
जनम जनम का विछुडि़आ हरि मेलहु सजणु सैण।
जो जीअ हरि ते विछुड़े से सुखि न वसनि भैण।
हरि पिर बिनु चैन न पाईए खोजि डिठे सभि गैण।
आप कामणै विछुडी दोसु न काहू देण।
करि किरपा प्रभ राखि लेहु होरू नाही करण करेण।
हरि तुध विणु खाकू रूलणा कहीए किथै वैण।
जो भी इसमें अच्छा लगे वो मेरे गुरू का प्रसाद है,
और जो भी बुरा लगे वो मेरी न्यूनता है
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