ग्रहों की शांति
सूर्य : ग्रहों का राजा सूर्य है। इसके कमजोर होने से व्यक्ति आर्थिक संकट ग्रस्त रहता है। इसकी अशुभता से राज भय, चर्म रोग, तथा नेत्र दृष्टि कमजोर हो सकती है।
अशुभता दूर करने के उपाय
-तांबे के पात्र में जल, कुककुम, लाल पुष्प डालकर प्रात: सूर्य को अघ्र्य दें।
-लाल कपड़े में गेहूं, गुड़, तांबे का बर्तन दान करें।
-आदित्य ह्दय स्तोत्र का पाठ करें।
चंद्रमा : चंद्रमा मन का कारक है। क्षीण रहने से जातक का मन विचलित, तनावग्रस्त, मनोबल में गिरावट देता है।
अशुभता दूर करने के उपाय
-पूर्णिमा का व्रत करें तथा भोजन चंद्र उदय होने के पश्चात करें।
-सोमवार पूर्णिमा को चावल, चीनी, सफेद वस्त्र दान करें।
-श्री सूक्त, लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें।
-सोमवार को शिव-पार्वती की मूर्तियों को दूध से स्नान कराएं।
-चंद्र ग्रहण पर सफेद वस्त्र, चांदी, चीनी, दक्षिणा सहित दान करें।
मंगल : मंगल ग्रह सेनापति और भूमिपुत्र है। ऋण, कर्जदारी, चोट, एक्सीडेंट, चोरी तथा लड़ाई-झगड़े से परेशानी देता है।
अशुभता दूर करने के उपाय
-मंगलवार को गेहूं की रोटी पर गुड़, लाल फल, अरहर की भीगी हुई दाल गाय को खिलाएं।
-मंगलवार के दिन सांडों को गुड़ खिलाएं।
-भुने चने तथा गुड़ लाल मुंह वाले बंदरों को खिलाएं।
-अश्विनी नक्षत्र मंगलवार के दिन तांबे के पात्र में शक्कर भरकर दान करें।
बुध ग्रह : अपने साथी ग्रह के फल देता है।
अशुभता दूर करने के उपाय
-बुधवार को उबले मूंग नीबू का रस मिलाकर खाएं।
-चावल एवं मूंग की खिचड़ी बुधवार को भिखारियों को खिलाएं।
-बुधवार को गणेशजी की प्रतिमा पर "? गं गणपतये नम:" मंत्र जपते हुए दूर्वा चढ़ाएं।
-बुधवार को हरी घास, शाक-सब्जी गाय को खिलाएं।
गुरू : शुभ तथा देवताओं के गुरू हैं। निर्बल रहने पर अविद्या, संतान चिंता, दुर्भाग्य, अपमान, अशुभफल तथा धन की तंगी देता है।
अशुभता दूर करने के उपाय
-हर गुरूवार को भीगी चना दाल, गुड़, केला गाय को खिलाएं।
-केले के पेड़ की पूजा करें। गुरू गायत्री मंत्र या "? गुं गुरूवे नम:" का जप करें।
-गुरू-पुष्य योग में कांसे की कटोरी में घृत भरकर दक्षिणा सहित ब्राह्मण को दान करें।
-प्रत्येक गुरूवार को बेसन का लड्डू विष्णु-लक्ष्मी मंदिर में चढ़ाएं।
-गुरूवार को पीले वस्त्र में चने की दाल, कच्ची हल्दी की गांठ, गुड़, दक्षिणा सहित शाम को मंदिर में चढ़ाएं।
शुक्र : ऎश्वर्यदायक ग्रह है। शुक्र निर्बल होने से यौन रोग, धातु क्षीणता, कुरूपता, ऎश्वर्य के साधनों की कमी देता है।
अशुभता दूर करने के उपाय
-प्रत्येक शुक्रवार को खीर चीनी मिलाकर गाय को खिलाएं।
-पूर्णिमा, शुक्रवार को गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करें।
-महिला आश्रम में सिलाई या बुनाई मशीन शुक्रवार को दान करें।
-शुक्र को सुबह सफेद वस्त्र में चावल, चीनी, मीठा फल, मिठाई, दक्षिणा सहित ब्राह्मण की कन्या को दें।
-सुहागिन स्त्री को बिंदी, लाल चूडियां, सिंदूर आदि सुहाग चीजे दान करें तथा कुंवारी कन्या को भोजन कराकर तिलक लगाएं।
शनि : शनि कर्म का कारक ग्रह है। जैसा कर्म वैसा फल देना शनि का कार्य है। इसकी ढैया, साढ़ेसाती विशेष प्रभावित करते हैं। अकस्मात संकट, दुख आदि स्थिति शनि के निर्बल होने पर बनती है।
अशुभता दूर करने के उपाय
-शनि स्तोत्र सूर्यास्त के बाद नियमित रूप से पढ़ें।
-घोड़े के नाल का छल्ला या नौका के कील का छल्ला दाएं हाथ की मध्यमा अंगुली में शनिवार को प्रदोष काल में धारण करें।
-शनिवार शाम पीपल पेड़ के नीचे सरसों तेल का दीपक जलाएं। धूप, अगरबत्ती करें पीपल की परिक्रमा करें।
-स्टील की कटोरी में तेल भरकर उसमें अपनी परछाई देखकर दान करें तथा शनि की प्रतिमा का सरसों तेल से स्नान कराएं।
-काले वस्त्र में, काले तिल, काली उड़द दाल, सरसों तेल दान करें।
-नोरतन बाफना |
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