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Wednesday 6 July 2011

ऐसे करें संकट का नाश और सफलता पाएं!


संकट-नाश के लिये
“जौं प्रभु दीन दयालु कहावा। आरति हरन बेद जसु गावा।।

जपहिं नामु जन आरत भारी। मिटहिं कुसंकट होहिं सुखारी।।
दीन दयाल बिरिदु संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी।।”
प्रयोगः2
गुलाब का एक पुष्प साथ रखें।

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