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Thursday, 7 July 2011

संतान प्राप्ति के लिए करें इस यंत्र की साधना

संतान प्राप्ति के लिए करें इस यंत्र की साधना





विवाह के बाद पति-पत्नी की प्रथम अभिलाषा रहती है कि उनका घर नन्हें-मुन्ने की किलकारियों से गूंजे। लेकिन कई कारणों के चलते यह संभव नहीं हो पाता। इसका एक कारण पत्नी में होने वाली कमी भी होती है। यदि पुत्रोत्पत्तिकर यंत्र की साधना विधि-विधान से की जाए तो संतान होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। काकवंध्या स्त्री के लिए यह यंत्र काफी लाभदायक है।

विधि- इस यंत्र को अष्टगंध से भोजपत्र पर लिखकर एक महीने तक षोड्शोपचार से पूजन करें। एक अन्य भोजपत्र पर प्रतिदिन यह यंत्र एक सौ आठ बार लिखें। इसके बाद पूर्णाहुति करके ब्राह्मण भोजन, हवनादि करके मुख्य यंत्र (जिसकी एक माह तक पूजा की है) को लाल रंग के कपड़े में बांध कर स्त्री की कमर में कमर में इस प्रकार बांधें कि वह गर्भाशय से स्पर्श होता रहे। प्रतिदिन लिखे जाने वाले यंत्र को पानी में या पीपल के वृक्ष पर विसर्जित कर दें।

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