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Saturday 9 July 2011

सावन के समय करें महामृत्युंजय मंत्र जप




भगवान शिव कल्याण के देवता माने जाते हैं। सावन माह शिव की भक्ति और साधना का ही काल है। इसलिए शास्त्रों में भगवान शिव की उपासना कर दु:ख रोग और मृत्यु के भय से छुटकारा पाने का सबसे असरदार उपाय बताया गया है, महामृत्युंजय मंत्र का जप। शास्त्रों के अनुसार इस मंत्र के जप से व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र पर आने वाले हर संकट, बाधा, विपदा और त्रासदी का अंत हो सकता है।जानते हैं जीवन में किस कठिन समय और परेशानियों में इस मंत्र का जप शुभ फल देता है।
- जन्म कुण्डली में ग्रह दोष, ग्रहों की महादशा या अंर्तदशा के बुरे प्रभाव की शांति के लिए।
- विवाह संबंधों में बाधक नाड़ी दोष या अन्य कोई बाधक योग को दूर करने में।
- किसी लाईलाज गंभीर रोग की पीड़ा से मुक्ति के लिए।
- संपत्ति विवाद सुलझाने के लिए।
- महामारी के प्रकोप से बचने के लिए।
- प्रशासनिक परेशानी दूर करने के लिए।
- देश में अशांति और अलगाव की स्थिति बनी हो।
- परिवार, समाज और करीबी संबंधों में घुले कलह को दूर करने के लिए।
- वात, पित्त और कफ के दोष से पैदा हुए रोगों की निदान के लिए।
- धन लाभ के लिए।
- मानसिक क्लेश और संताप के कारण धर्म और अध्यात्म से बनी दूरी को खत्म करने के लिए।
- दुर्घटना या बीमारी से जीवन पर आए संक ट से मुक्ति के लिए।

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