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Thursday 21 July 2011

रोकें लक्ष्मीजी को अपने घर में




जिस घर में अनाज का सम्मान होता है, अतिथि सत्कार होता है और यथासंभव दान, गरीबों की मदद होती रहती है उस घर में लक्ष्मी (Lakshmi Mata) निवास करती है।

जो स्त्रियाँ पति के प्रतिकूल बोलती हैं, दूसरों के घरों में घूमने-फिरने में रुचि रखती हैं और घर के बर्तन इधर-उधर फैला या बिखेर कर रखती हैं, लक्ष्मी (Lakshmi Mata) उनके घर नहीं आती।

जो व्यक्ति सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सोता है, भोजन करता है, दिन में सोता है, दाँत साफ नहीं करता है, अधिक भोजन करता है, वह यदि साक्षात विष्णु भी हो तो लक्ष्मी (Lakshmi Mata) उसे छोड़कर चली जाती है।

जो शरीर में तेल लगाकर मल-मूत्र त्यागता है या नमस्कार करता है, या पुष्प तोड़ता है, या जिसके पैर में मैल जमी होती है, उसके घर लक्ष्मी (Lakshmi Mata) नहीं आती है।

अपने अंगों पर बाजा बजाने से भी धनी व्यक्ति का साथ लक्ष्मी (Lakshmi Mata) धीरे-धीरे छोड़ देती है।

सौभाग्यशाली स्त्रियों को घुँघरू वाली पायल सदैव धारण करना चाहिए जिससे लक्ष्मी (Lakshmi Mata) छम-छम बरसती है।

आँवले के वृक्ष के फल में गाय, के गोबर में, शंख में, कमल में, श्वेत वस्त्र में लक्ष्मी (Lakshmi Mata) सदैव निवास करती है

जिसके घर में भगवान शिव की पूजा होती है और देवता, साधु, ब्राह्मण, गुरु का सम्मान होता है। ऐसे घर में लक्ष्मी (Lakshmi Mata) सदैव निवास करती है।

जो स्त्री नियमित रूप से गोग्रास निकालती है और गाय का पूजन करती है उस पर लक्ष्मी (Lakshmi Mata) की दया बनी रहती है।


जिस घर में अनाज का सम्मान होता है, अतिथि सत्कार होता है और यथासंभव दान, गरीबों की मदद होती रहती है उस घर में लक्ष्मी (Lakshmi Mata) निवास करती है।

जिस घर में कमल गट्टे की माला, एकांक्षी नारियल, पारद शिवलिंग, कुबेर यंत्र स्थापित रहता है उस घर में लक्ष्मी (Lakshmi Mata) पीढ़ियों तक निवास करती है।


जिस घर में शुद्धता, पवित्रता रहती है और बिना सूँघे पुष्प देवताओं को चढ़ाए जाते हैं। उस घर में लक्ष्मी (Lakshmi Mata) नित्य विचरण करती है।

जिस घर में स्त्रियों का सम्मान होता है स्त्री पति का सम्मान और पति के अनुकूल व्यवहार करती है एवं पतिव्रता और धीरे चलने वाली स्त्री के घर में लक्ष्मी (Lakshmi Mata) का निवास रहता है।

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