रोज़ करें सूर्य पूजा
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शास्त्रों में जीवन में कर्म और धन को यश-प्रतिष्ठा पाने के लिए बेहद अहम माना गया है। कर्म की मजबूत इच्छाशक्ति या संकल्प से ही तमाम वैभव खिंचे चले आते हैं। वैसे भी लक्ष्मी ठहराव नहीं गति को पसंद करती है। सरल शब्दों में समझें तो काम ही कमाई का जरिया बन जीवन के हर मकसद को पूरा करते में मददगार बनता है। हिन्दू धर्म मान्यताओं में हर रोज साक्षात देवता सूर्य अपनी गति व रोशनी से कर्म से वैभव व ऊंचाई पाने की ऐसी ही प्रेरणा देते हैं। धार्मिक आस्था है कि सूर्य उपासना स्वास्थ्य, यश, ख्याति, समृद्धि देती है।
इसलिए यहां बताए जा रहे सूर्य उपासना के 5 आसान उपाय मनचाहा काम, आमदनी व प्रतिष्ठा पाने की कामना जल्द पूरी करने में बेहद प्रभावी माने गए हैं। ये उपाय जन्मकुण्डली में सूर्य दोष से मिलने वाले रोग, असफलता व अपयश से भी बचाते हैं।
जानते हैं ये सरल उपाय -
- हर रोज स्नान के बाद सुबह यथासंभव सूर्योदय के वक्त सूर्य को तांबे के कलश से लाल चंदन मिले जल से 'ऊँ घृणि सूर्याय नम:' मंत्र बोलकर अर्घ्य दें।
- इस सूर्य प्रतिमा को लाल चंदन लगाकर इस सूर्य मंत्र का स्मरण करें या आदित्यहृदयस्त्रोत का पाठ करें -
नम: सूर्याय नित्याय रवयेऽर्काय भानवे।
भास्कराय मतङ्गाय मार्तण्डाय विवस्वते।।
- लाल चंदन का तिलक मस्तक पर लगाएं।
- तांबे का कड़ा हाथ में पहनें।
- गाय को पानी में थोड़े-से गेंहू भिगोकर खिलाएं।
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शास्त्रों में जीवन में कर्म और धन को यश-प्रतिष्ठा पाने के लिए बेहद अहम माना गया है। कर्म की मजबूत इच्छाशक्ति या संकल्प से ही तमाम वैभव खिंचे चले आते हैं। वैसे भी लक्ष्मी ठहराव नहीं गति को पसंद करती है। सरल शब्दों में समझें तो काम ही कमाई का जरिया बन जीवन के हर मकसद को पूरा करते में मददगार बनता है। हिन्दू धर्म मान्यताओं में हर रोज साक्षात देवता सूर्य अपनी गति व रोशनी से कर्म से वैभव व ऊंचाई पाने की ऐसी ही प्रेरणा देते हैं। धार्मिक आस्था है कि सूर्य उपासना स्वास्थ्य, यश, ख्याति, समृद्धि देती है।
इसलिए यहां बताए जा रहे सूर्य उपासना के 5 आसान उपाय मनचाहा काम, आमदनी व प्रतिष्ठा पाने की कामना जल्द पूरी करने में बेहद प्रभावी माने गए हैं। ये उपाय जन्मकुण्डली में सूर्य दोष से मिलने वाले रोग, असफलता व अपयश से भी बचाते हैं।
जानते हैं ये सरल उपाय -
- हर रोज स्नान के बाद सुबह यथासंभव सूर्योदय के वक्त सूर्य को तांबे के कलश से लाल चंदन मिले जल से 'ऊँ घृणि सूर्याय नम:' मंत्र बोलकर अर्घ्य दें।
- इस सूर्य प्रतिमा को लाल चंदन लगाकर इस सूर्य मंत्र का स्मरण करें या आदित्यहृदयस्त्रोत का पाठ करें -
नम: सूर्याय नित्याय रवयेऽर्काय भानवे।
भास्कराय मतङ्गाय मार्तण्डाय विवस्वते।।
- लाल चंदन का तिलक मस्तक पर लगाएं।
- तांबे का कड़ा हाथ में पहनें।
- गाय को पानी में थोड़े-से गेंहू भिगोकर खिलाएं।
Very useful information,
ReplyDeletelove marriage specialist