विभिन्न द्रव्यों से अभिषेक करने पर लाभ
जल की धारा शिवजी को अति प्रिय है। भगवान
शिवजी को प्रसन्न करने हेतु रूद्राभिषेक विभिन्न द्रव्यों जैसे – दूध, दही,
घी, शहद, पंचामृत, सरसों, शकर, गन्ने के रस आदि से किया जाता है। इन
द्रव्यों के द्वारा अभिषेक करने पर जो लाभ होते हैं वे निम्नलिखित है:-
जल से अभिषेक करने पर:- जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है।
तीर्था के जल से अभिषेक करने पर:-तीर्थाें के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। ज्वर को शांत करने के लिए जल की धार से अभिषेक करना चाहिए।
दूध से अभिषेक करने पर:- दूध से अभिषेक करने पर पुत्र की प्राप्ति होती है। प्रमेह रोग का नाश होता है। मनोभिलाषित कामना की पूर्ति होती है।
शक्कर से मिले दूध से अभिषेक करने पर:-शक्कर से मिले दूध से अभिषेक करने पर बुद्धि की जडता का नाश होता है एवं बुद्धि श्रेष्ठ होती है।
गोदुग्ध द्वारा अभिषेक करने पर:-गोदुग्ध
द्वारा अभिषेक करने पर वन्ध्या को पुत्र की प्राप्ति होती है, एवं जिसकी
संतान होकर मर जाती हैं उसकी संतान की रक्षा होती है। मनुष्य को दीर्घ आयु
की प्राप्ति होती है।
दही से अभिषेक करने पर:-दही से अभिषेक करने पर पशुओं की प्राप्ति होती है।
घी से अभिषेक करने पर:-घी से अभिषेक करने पर वंश का विस्तार होता है। इससे आरोग्य की प्राप्ति भी होती है।
शहद के द्वारा अभिषेक करने पर:-शहद के द्वारा अभिषेक करने पर पापों का नाश होता है। तपेदिक आदि रोग भी दूर हो जातें है।
शहद एवं धी से अभिषेक करने पर:-शहद एवं धी से अभिषेक करने पर धन की प्राप्ति होती है।
गन्ने के रस से अभिषेक करने पर:-गन्ने के रस से अभिषेक करने पर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
कुशोदक से अभिषेक करने पर:-कुशोदक से अभिषेक करने पर व्याधि की शांति होती है। इससे उपद्रवों कि शांति भी होती है।
सरसों के तेल से अभिषेक करने पर:-सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रुका विनाश होता है।
उपर्युक्त द्रव्यों से अभिषेक करने पर
भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करते है, एवं
भक्तों के संकटों का नाश करते है। अतः विधि-विधान से खूब श्रद्धा एवं
विश्वास के साथ रूद्राभिषेक करना चाहिए।
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