ऐसी समस्याओं का अचूक तोड़ है यह 1 शनि मंत्र!
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक शनि की दशा जैसे ढैय्या, साढ़े साती या महादशा में शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव व्यावहारिक जीवन के अनेक कामों में बाधाएं पैदा कर सकती है। हिन्दू धर्म में शनिवार का दिन शनिदेव की उपासना से शनि ग्रह दोष शांति के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है।
शनि दोष से जीवन में आ रही समस्याओं से पीछा छुड़ाने के लिए ही शास्त्रों में शनि का एक विशेष मंत्र खासतौर पर प्रभावी माना गया है। पहले, जानिए कि इस शनि मंत्र के अचूक असर से कौन-कौन सी पीड़ा दूर होती है और इन मंत्र के जप की सरल विधि-
- हर काम में नुकसान
- विरोधी परेशानी का कारण बने हो
- रोग में दवाई का असर नहीं कर रही हो
- कारोबार में नाकामी
- मेहनत के मुताबिक सफलता नहीं
- संतान की असफलता
- शनिवार के दिन नवग्रह या शनि मंदिर में बदन पर लाल लुंगी पहनकर भीगकर ही शनिदेव पर तेल चढ़ाते हुए इस शनि मंगल मंत्र स्त्रोत बोल सारी परेशानी व पीड़ा से छुटकारे व रक्षा की कामना करें -
मन्द: कृष्णनिभस्तु पश्चिममुख: सौराष्ट्रक: काश्यप:
स्वामी नक्रभकुम्भयोर्बुधसितौ मित्रे समश्चाङ्गिरा:।।
स्थानं पश्चिमदिक् प्रजापति-यमौ देवौ धनुष्यासन:
षट्त्रिस्थ: शुभकृच्छनी रविसुत: कुर्यात् सदा मङ्गलम्।।
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