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Saturday 22 October 2011

हर रोज बोलें बस,


'संकट कटै-मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा' गोस्वामी तुलसीदास द्वारा इस चौपाई से किया गया संकटमोचक हनुमान का सुमिरन उनकी मंगलमय स्वरूप व शक्तियों को भी उजागर करता है। श्री हनुमान के पावन चरित्र का स्मरण मात्र ही मनोबल और आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला होता है।

आज के रफ्तारभरे जीवन में हर रोज भारी तनावों से दो-चार होना पड़ता है। लिहाजा हर इंसान राहत के दो पल खोजता है। ऐसे में अशांति और कलह से मुक्त होने के लिए धार्मिक उपाय आसान और श्रेष्ठ साबित होते हैं। जिनमें श्री हनुमान का मन, वचन व कर्मों की पावनता का ध्यान निर्भयता के साथ मन को आश्वस्त और शांत रखता है। जिससे कार्यसिद्धि की हर बाधा दूर होती है।

श्री हनुमान का शनिवार, मंगलवार, पूर्णिमा के साथ हनुमान जयंति या रूप चौदस (25 अक्टूबर) पर ध्यान विशेष मनोरथ सिद्ध करता ही है, लेकिन आसान उपायों में हर रोज नीचे लिखें ११ नाम मंत्रों का स्मरण बताए गए पूजा उपायों से करना कार्यसिद्धि सुनिश्चित करता है।

श्री हनुमान की प्रतिमा पर तेल-सिंदूर चढ़ाकर गंध, अक्षत, लाल फूल व नारियल चढ़ाने के साथ घी व शक्कर मिले आटे का लड्डू, केला, जामफल भोग में अर्पित कर पूजा करें। पूजा के बाद इन नाम मंत्रों का स्मरण कर धूप व दीप आरती करें-

ऊँ आञ्जनेयाय नम:

ऊँ महावीराय नम:

ऊँ हनूमते नम:

ऊँ मारुतात्मजाय नम:

ऊँ महाबल पराक्रमाय नम:

ऊँ रामदूताय नम:

ऊँ सर्वदु:ख हराय नम:

ऊँ सर्वबन्धविमोक्त्रे नम:

ऊँ सर्वमन्त्र स्वरूपाय नम:

ऊँ मनोजवाय नम:

ऊँ दृढव्रताय नम:

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