भगवान गणेश अपने भक्तों की हर चिंता दूर कर देते हैं। तंत्र शास्त्र के अतंर्गत विभिन्न पेड़-पौधो व पत्तों से भी भगवान की पूजा करने का विधान है। उसी के अनुसार यदि भगवा गणेश को विभिन्न प्रकार के पत्ते विधि-विधान से अर्पित किए जाएं तो हर चिंता दूर हो जाती है। उसी के अनुसार सबसे पहले भगवान गणेश को शमीपत्र चढ़ाकर 'सुमुखाय नम:' कहें। इसके बाद क्रम से यह पत्ते चढ़ाएं और नाम मंत्र बोलें ।
1. बिल्वपत्र 'उमापुत्राय नम:'
2. दूर्वादल 'गजमुखाय नम:'
3. बेर 'लम्बोदराय नम:'
4. धतूरे का पत्ता 'हरसूनवे नम:'
5. तुलसीदल 'शूर्पकर्णाय नम:'
6. सेम का पत्ता 'वक्रतुण्डाय नम:'
7. तेजपत्ता 'चतुर्होत्रे नम:'
8. कनेर का पत्ता 'विकटाय नम:'
9. कदली या केला 'हेमतुंडाय नम:'
10. आक का पत्ता 'विनायकाय नम:'
11. अर्जुन का पत्ता 'कपिलाय नम:'
12. मरुआ का पत्ता 'भालचन्द्राय नम:'
13. अगस्त्य का पत्ता 'सर्वेश्वराय नम:'
14. वनभंटा 'एकदन्ताय नम:'
15. भंगरैया का पत्ता 'गणाधीशाय नम:'
16. अपामार्ग का पत्ता 'गुहाग्रजाय नम:'
17. देवदारु का पत्ता 'वटवे नम:'
18. गान्धारी पत्र 'सुराग्रजाय नम:'
19. सिंदूर या सिंदूर वृक्ष का पत्ता 'हेरम्बाय नम:'
20. केतकी पत्र चढ़ाकर 'सिद्धिविनायकाय नम:'
अंत में दो दूर्वादल गन्ध, फूल और अक्षत के साथ गणेशजी पर चढ़ाना चाहिए।
1. बिल्वपत्र 'उमापुत्राय नम:'
2. दूर्वादल 'गजमुखाय नम:'
3. बेर 'लम्बोदराय नम:'
4. धतूरे का पत्ता 'हरसूनवे नम:'
5. तुलसीदल 'शूर्पकर्णाय नम:'
6. सेम का पत्ता 'वक्रतुण्डाय नम:'
7. तेजपत्ता 'चतुर्होत्रे नम:'
8. कनेर का पत्ता 'विकटाय नम:'
9. कदली या केला 'हेमतुंडाय नम:'
10. आक का पत्ता 'विनायकाय नम:'
11. अर्जुन का पत्ता 'कपिलाय नम:'
12. मरुआ का पत्ता 'भालचन्द्राय नम:'
13. अगस्त्य का पत्ता 'सर्वेश्वराय नम:'
14. वनभंटा 'एकदन्ताय नम:'
15. भंगरैया का पत्ता 'गणाधीशाय नम:'
16. अपामार्ग का पत्ता 'गुहाग्रजाय नम:'
17. देवदारु का पत्ता 'वटवे नम:'
18. गान्धारी पत्र 'सुराग्रजाय नम:'
19. सिंदूर या सिंदूर वृक्ष का पत्ता 'हेरम्बाय नम:'
20. केतकी पत्र चढ़ाकर 'सिद्धिविनायकाय नम:'
अंत में दो दूर्वादल गन्ध, फूल और अक्षत के साथ गणेशजी पर चढ़ाना चाहिए।
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