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Tuesday 13 September 2011

वास्तुनासर

वास्तुनासर नकारात्मक और सकारात्मक ऊर्जा



यहाँ हम आपको कुछ ऐसी बाते बताने जा रहे है जो है तो बहुत कॉमन लेकिन इनकी और हमारा ध्यान नहीं जा
पाता है और जाने अनजाने में वास्तु दोष उत्पन्न हो जाते है और इस कारण हम अवांछित नुकसान उठाते है |

वास्तु दोष : गरीबी के कारक 
यदि आपको लाख कोशिशों के बाद भी भाग्य का साथ नहीं मिल पा रहा है तो निश्चित ही आपके घर में कोई वास्तु दोष हो सकता है। वास्तु शास्त्र हमारे आसपास मौजूद नकारात्मक और सकारात्मक ऊर्जा के सिद्धांतों पर कार्य करता है। हमारे आसपास फैली नकारात्मक ऊर्जा अधिक सक्रिय हो जाए तो हमें हर कार्य में असफलता का मुंह देखना पड़ सकता है। इसके अलावा धन संबंधी परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं।

वास्तु शास्त्र और ज्योतिष के अनुसार घर में कहीं भी पानी की बर्बादी होना अशुभ माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति के घर में नल टपकता है, दीवारों पर सीलन हो रही है, घर में कई स्थानों पर हमेशा गीला रहता है, घर के आसपास गंदा पानी जमा है तो यह सभी बातें यही इशारा करती है कि आपके घर में आर्थिक संकट खड़ा हो सकता है। ज्योतिष के अनुसार भी ऐसी परिस्थितियां कुंडली में चंद्र के खराब होने के कारण बनती हैं। चंद्र खराब होने पर आर्थिक तंगी आने की पूरी संभावनाएं होती हैं। पानी और चंद्र का सीधा संबंध माना जाता है। अत: घर में जल का अपव्यय होना चंद्र के अशुभ प्रभाव को बढ़ा देता है। इस प्रकार की परिस्थितियां निश्चित ही आपके परिवार के लिए अशुभ हैं। अत: इनसे बचने का प्रयास करें।

वास्तु दोष दूर करने के उपाय :अमीरी के कारक
सभी चाहते हैं कि उनके घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे। इसके लिए वे कई प्रकार के उपाय भी अपनाते हैं। इन उपायों में धर्म, ज्योतिष और वास्तु से जुड़ी बातें भी शामिल होती हैं। घर में समृद्धि बनाए रखने के लिए सामान्यत: सभी के दरवाजों पर श्रीगणेश या उनका प्रतीक चिन्ह अवश्य होता है। गणेशजी के साथ ही स्वस्तिक और ऊँ बनाने से निश्चित ही सकारात्मक फल प्राप्त होते हैं।

घर के मुख्य द्वार या दरवाजे पर गणेश की चित्र या प्रतिमा लगाना शुरू माना जाता है। प्रथम पूज्य गणेश के नाम के साथ ही हर शुभ कार्य का शुभारंभ होता है। अत: मुख्य दरवाजे पर गणेशजी का होना घर-परिवार के लिए शुभ फल देने वाला होता है। वास्तु के अनुसार गणेशजी को दरवाजे के बीच में ऊपर की ओर लगाना चाहिए। इसके साथ ही प्रतिदिन दरवाजे पर गणेशजी को सिंदूर चढ़ाएं और गणेशजी के दाएं ओर स्वस्तिक तथा बाएं ओर ऊँ का चिन्ह बनाएं।

ऐसा करने पर बहुत जल्द आपको सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। आपके परिवार में सभी सदस्यों को सफलाएं मिलेगी। रुके हुए कार्य समय पर पूर्ण होने लगेंगे। आपके भाग्योदय में आ रही बाधाएं हटने लगेंगी।

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