आंवले के सेवन से आयु में वृद्धि ,उसका जल पीने से धर्म का संचय तथा उसके जल में स्नान करने से दरिद्रता दूर हो कर समस्त ऐश्वर्यों की प्राप्ति होती है|
आंवले के दर्शन ,स्पर्श एवम उसके नाम के उच्चारण से ही श्री विष्णु प्रसन्न हो जाते है |
एकादशी तिथि में भगवान् विष्णु को आंवला अर्पित करने पर सभी तीर्थों के स्नान का फल मिल जाता है |
जिस घर में आंवले का वृक्ष या उसका फल रहता है उसमे लक्ष्मी एवम विष्णु का वास होता है |आंवले के रस में स्नान करने पर दुष्ट एवम पाप ग्रहों का प्रभाव नहीं होता |
मृत्यु काल में जिसके मुख ,नाक कान या बालों में आंवले का फल रखा जाता है वह व्यक्ति विष्णु लोक को जाता है |सर के बाल नित्य आंवला मिश्रित जल से धोने पर कलियुग के दोषों का नाश होता है |
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आंवले के वृक्ष का पूजन व प्रदक्षिणा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है
सूर्य -चन्द्र ग्रहण ,सक्रांति ,शुक्र वार ,६ -१ -९ -एवम अमावस तिथि को आंवले का त्याग करना चाहिए |
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