हनुमान सिद्धि मन्त्र
मन्त्रः-
“अजरंग पहनूं, बजरंग पहनूं, सबरंग रक्खू पास । दांये चले भीम सेन, बांये हनुमन्त, आगे चले काजी साहब, पीछे कुल बलारद । आतर चौकी कच्छ कुरान । आगे पीछे तूं रहमान । धड़ खुदा, सिर राखे । सुलेमान, लोहे का कोट, तांबे का ताला, करला । हंसा बीरा । करतल बसे समुद्र तीर हांक चले हनुमान की निर्मल रहे शरीर ।”
( शाबर मन्त्र )
विधिः- इस मन्त्र का अनुष्ठान २१ दिन का है, किसी भी मंगलवार की रात्री को हनुमान जी विषयक सभी नियम मानते हुए, साधक प्रतिदिन ११ माला जप करें तो हनुमान जी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष किसी भी रुप में दर्शन देकर उसकी समस्त अभिलाषाएं पूरी करते हैं ।
मन्त्रः-
“अजरंग पहनूं, बजरंग पहनूं, सबरंग रक्खू पास । दांये चले भीम सेन, बांये हनुमन्त, आगे चले काजी साहब, पीछे कुल बलारद । आतर चौकी कच्छ कुरान । आगे पीछे तूं रहमान । धड़ खुदा, सिर राखे । सुलेमान, लोहे का कोट, तांबे का ताला, करला । हंसा बीरा । करतल बसे समुद्र तीर हांक चले हनुमान की निर्मल रहे शरीर ।”
( शाबर मन्त्र )
विधिः- इस मन्त्र का अनुष्ठान २१ दिन का है, किसी भी मंगलवार की रात्री को हनुमान जी विषयक सभी नियम मानते हुए, साधक प्रतिदिन ११ माला जप करें तो हनुमान जी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष किसी भी रुप में दर्शन देकर उसकी समस्त अभिलाषाएं पूरी करते हैं ।
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