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Tuesday 16 August 2011

कार्य सफल


आप चाहते हैं की आपके द्वारा किये गए कार्य सफल हो लेकिन कार्य के प्रारम्भ होते ही उसमें विध्न आ जाते हैं और वह असफल हो जाते हैं इसके लिए आप यह करें: प्रातःकाल कच्चा सूत लेकर सूर्य के सामने मुंह करके खड़े हो जाएं। फिर सूर्य देव को नमस्कार करके 'ॐ हीं घ्रणि सूर्य  आदित्य श्रीम' मंत्र बोलते हुए सूर्य देव को जल चढ़ाएं। जल में रोली, चावल, चीनी तथा लाल पुष्प दाल लें। इसके पश्चात कच्चे सूत को सूर्य देव की तरफ करते हुए गणेशजी का स्मरण करते हुए सात गाँठ लगाएं। इसके पश्चात इस सूत को किसी खोल में रखकर अपनी कमीज की जेब में रख लें, आपके बिगड़े कार्य बनाने लगेंगे। 


अपने व्यापार में करें मनोवांछित उन्नति- 

अगर आप अपने व्यापार में मनोवांछित उन्नति करना चाहते हैं तो सोमवार को प्रातः नवनिर्मित अंगूठी को गंगाजल में धोकर गाय के दूध में डुबो दें, उसमें थोड़ी-सी शक्कर, तुलसी के पत्ते और कोई भी सफ़ेद फूल डाल दें। इसके पश्चात स्नान ध्यान से निवृत्त होकर अंगूठी को पहन लें। ऐसा करने से व्यापार में मनोवांछित उन्नति प्राप्त होगी।
 
अगर आप चाहते हैं की आपके प्रतिष्ठान में बिक्री ज्यादा हो तो यह करें 
आप अपने व्यापार में अधिक पैसा प्राप्त करना चाहते हैं और चाहते हैं की आपके व्यापार की बिक्री बढ़ जाए तो आप वट वृक्ष की लता को शनिवार के दिन जाकर निमंत्रण दे आएं। (वृक्ष की जड़ के पास एक पान, सुपारी और एक पैसा रख आएं) रविवार के दिन प्रातः काल जाकर उसकी एक जटा तोड़ लाएं, पीछे मुड़कर न देखें। उस जटा को घर लाकर गुग्गल की धूनी दें तथा 101 बार इस मंत्र का जप करें- 
ॐ नमो चण्ड अलसुर स्वाहा।  
 
इच्छा के विरूद्ध कार्य करना पड़ रहा हो तो- 

अगर आपको किसी कारणवश कोइ कार्य अपनी इच्छा के विपरीत करना पड़ रहा हो तो आप कपूर और एक फूल वाली लौंग एक साथ जलाकर दो-तीन दिन में थोड़ी-थोड़ी खा लें। आपकी इच्छा के विपरीत कार्य होना बंद हो जाएगा।
 
 
भाग्योदय करने के लिए करें यह उपाय-

अपने सोए भाग्य को जगाने के लिए आप प्रात सुबह उठकर जो भी स्वर चल रहा हो, वही हाथ देखकर तीन बार चूमें, तत्पश्चात वही पांव धरती पर रखें और वही कदम आगे बाधाएं। ऐसा नित्य-प्रतिदिन करने से निश्चित रूप से भाग्योदय होगा।
 
 
मंदी से छुटकारा पाएं ऐसे- 
अगर आपके व्यापार में मंदी आ गयी है या नौकरी में मंदी आ गयी है तो यह करें। किसी साफ़ शीशी में सरसों का तेल भरकर उस शीशी को किसी तालाब या बहती नदी के जल में डाल दें। शीघ्र ही मंदी का असर जाता रहेगा और आपके व्यापार में जान आ जाएगी।

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