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Monday 1 August 2011

शीघ्र विवाह के टोटके


१॰ जिस समय भी कन्या के परिजन वर पक्ष से विवाह वार्ता करने के लिए जाएँ, उस समय कन्या प्रसन्नतापूर्वक उन्हें मिष्ठान्न खिलाकर विदा करे तथा अपने बालों को खोले रखें।
२॰ विवाह के लिए वर पक्ष के घर में प्रवेश करते समय कन्या के पिता अथवा अन्य जिम्मेदार व्यक्ति को दाएँ एवं बाएँ पैर में से वह पैर पहले घर में रखना चाहिए, जिस नासिका में स्वर प्रवाहित हो रहा हो।
३॰ शीघ्र विवाह के लिए कन्याओं को सोलह सोमवार के व्रत करने चाहिए तथा प्रत्येक सोमवार को शिव मन्दिर में जाकर जलाभिषेक करना चाहिए।
४॰ यदि मंगली दोष के कारण विवाह में विलम्ब हो रहा हो, तो सिन्दूर एवं चमेली का तेल कन्या के हाथ से हनुमानजी के चोला चढ़ाने के लिए मन्दिर में दान करवाना चाहिए। साथ ही चाँदी के वर्क भी दान करवाना चाहिए। यदि यह प्रयोग निरन्तर सात मंगलवार-शनिवार को किया जाए, तो मंगल एवं शनि के दुष्प्रभाव से उत्पन्न विवाह विलम्ब का योग शान्त होता है।
५॰ कन्या के विवाह में हो रहे विलम्ब को दूर करने के लिए माता-पिता को विवाह की वार्ता के समय कन्या को कोई एक नवीन वस्त्र अवश्य धारण कराना चाहिए। यदि वस्त्र लाल रंग का हो, तो अधिक अनुकूल रहेगा।
६॰ यदि विवाह प्रस्ताव प्राप्त नहीं हो रहे हो, तो कन्या के माता-पिता को चाहिए कि वे कन्या को गुरुवार के दिन पीला वस्त्र एवं शुक्रवार को कोई सफेद वस्त्र पहनाएँ। ये वस्त्र नए हों, तो शीघ्र फल मिलेगा। अधिक पुराने तथा फटे वस्त्र नहीं पहनाएँ। यदि चार सप्ताह तक निरन्तर यह प्रयोग किया जाए, तो प्रयोग अवधि के दौरान अच्छे विवाह प्रस्ताव प्राप्त हो जाते हैं। इसमें किसी वस्त्र को दुबारा नहीं पहनना चाहिए।
७॰ यदि विवाह प्रस्ताव, विवाह तय होने के अंतिम चरण में पहुँचकर टूट जाते हैं, तो ऐसे व्यक्ति को यह प्रयास करना चाहिए कि जिस कक्ष में बैठकर वार्ता की जाए, उसमें वे अपने जूते-चप्पल कक्ष के द्वार के बाईं ओर उतार के प्रवेश करें।
८॰ विवाह योग्य युवक-युवती को जब भी किसी अन्य व्यक्ति के विवाहोत्सव में भाग लेने का अवसर मिले, तो वर या कन्या को लगाई जा रही मेहंदी में से कुछ मेहंदी लेकर अपने हाथों पर भी लगा लें।

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