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Monday 1 August 2011

पेड़-पौधें

 भारतीय ज्योतिष में रत्नधारण की ही तरह विभिन्न वनस्पतियों की जड़ों को भी धारण करने की भी परंपरा है।

सूर्य की शांति के लिए बेल की जड़

, चंद्र के लिए खिन्नी की जड़ ,

मंगल के लिए अनंतमूल की जड़

, बुध के लिए विधारा की जड़ ,

गुरु के लिए संतरे या केले की जड़

, शुक्र के लिए सरफाकों की जड़ तथा

शनि की शांति के लिए बिच्छुए की जड़ धारण करने की बात ज्‍योतिष के प्राचीन ग्रंथों में लिखी है।
साथ ही रंगों के अनुसार ही विभिन्न पेड़-पौधें की पूजा या विभिन्न देवी देवताओं पर पुष्‍प अर्पण करने का भी विधान है। इससे साबित होता है कि हमारे ऋषि मुनियों को ग्रहों के दुष्‍प्रभाव को दूर करने के लिए पेड़-पौधों की भूमिका का भी पता था। अन्‍य बातों की तरह ही जब गंभीरतापूर्वक काफी दिनों तक ग्रहों के प्रभाव को दूर करने में पेड पौधों की भूमिका का भी परीक्षण किया गया तो निम्न बातें दृष्टिगोचर हुई --------------

1. यदि जातक का चंद्रमा कमजोर हो , तो उन्हें तुलसी या अन्‍य छोटे-छोटे औषधीय पौधे अपने अहाते में लगाकर उसमें प्रतिदिन पानी देना चाहिए।

2. यदि जातक का बुध कमजोर हो तो उसे बिना फल फूलवाले या छोटे छोटे हरे फलवाले पौधे लगाने से लाभ पहुंच सकता है।

3. इसी प्रकार जातक का मंगल कमजोर हो तो उन्हें लाल फल-फूलवाले बड़े-बड़े पेड़ लगा़ने  से लाभ होगा।

4. इसी प्रकार जातक का शुक्र कमजोर हो तो उन्हें सफेद फल-फूलवाले बड़े-बड़े पेड़ लगा़ने से लाभ होगा।

5. इसी प्रकार जातक का सूर्य कमजोर हो तो उन्हें तप्‍त लाल रंग के फल-फूलवाले बड़े-बड़े पेड़ लगा़ने से लाभ होगा।

6. इसी प्रकार जातक का बृहस्पति कमजोर हो तो उन्हें पीले फल-फूलवाले बड़े-बड़े पेड़ लगा़ने से लाभ होगा।

7. इसी प्रकार जातक का शनि कमजोर हो तो उन्हें बिना फल-फूल वाले या काले फल-फूलवाले बड़े-बड़े पेड़ लगा़ने से लाभ होगा।

ध्यान रहे , ये सभी छोटे-बड़े पेड़-पौधे पूरब की दिशा में लगे हुए हों , इसके अतिरिक्‍त ग्रह के बुरे प्रभाव से बचने के लिए पश्चिमोत्‍तर दिशा में भी कुछ बड़े पेड़ लगाए जा सकते हैं , किन्तु अन्य सभी दिशाओं में आप शौकिया तौर पर कोई भी पेड़ पौधे लगा सकते हैं।

उपरोक्त समाधानों के द्वारा जहॉ ग्रहों के बुरे प्रभावों को कम किया जा सकता है , वहीं अच्छे प्रभावों को बढा़ पाने में भी सफलता मिल सकती है।

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