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Monday 29 August 2011

दाम्पत्य सुख बाधा

 
  1. एक चांदी व स्वर्ण मिश्रित कडा बनवाकर अभिमंत्रित करने के पश्चात् प्रत्येक सोमवार या बुधवार को माता के चरणो में रखकर श्री सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करे। उपरोक्त विधि सवा माह तक करें। सवा माह पूर्ण होने के पश्चात् कम से कम पांच कन्याओ को भोजन करवाये एवं कोई उपहार देकर विदा करे। इसके पश्चात् उस कडे को बाये हाथ मे धारण करे।
  2. अपने भोजन की अंतिम रोटी को कुत्ते को खिलाएं।
  3. पत्नी यदि रात्रि मे सोने के पहले माता पार्वती का स्मरण करती है तो, उनका वैवाहिक जीवन सदैव सुखद ही रहता है।

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