· नौकरी-धंधे के लिये जाते हैं, सफलता नहीं मिलती तो इक्कीस बार श्रीमदभगवदगीता का अंतिम श्लोक बोलकर फिर घर से निकलें तो सफलता मिलेगी। श्लोकः यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धरः। तत्र श्रीर्विजयो भूतिर्ध्रुवा नीतिर्मतिमम्।।
· पीपल के पेड़ में शनिवार और मंगलवार को दूध, पानी और गुड़ मिलाकर चढ़ायें और प्रार्थना करें कि 'भगवान ! आपने गीता में कहा है 'वृक्षों में पीपल मैं हूँ।' तो हमने आपके चरणों में अर्घ्य अर्पण किया है, इसे स्वीकार करें और मेरी नौकरी धंधे की जो समस्या है वह दूर हो जाये।'
· श्री हरि.. श्री हरि.... श्री हरि... थोड़ी देर जप करें। तीन बार जपने से एक मंत्र हुआ। उत्तराभिमुख होकर इस मंत्र की 1-2 माला शांतिपूर्वक करें और चलते-फिरते भी इसका जप करें तो विशेष लाभ होगा और रोजी रोटी के साथ ही शांति, भक्ति और आनन्द भी बढ़ेगा।
लोक कल्याण सेतु, अक्तूबर 2010
No comments:
Post a Comment