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Thursday 7 July 2011

पूर्वजन्मकृ्त किसी श्रापादि जन्य दुष्प्रभाव से मुक्ति का सहज उपाय :-


प्रत्येक महीने में कृ्ष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि, जिसे कि मास-शिवरात्रि भी कहा जाता है. वर्षप्रयन्त यदि उस दिन उपवास रख, शिवलिंग पर चन्दन, जल, दूध, शहद,व बेलफल अर्पित करने तथा स्व इच्छित संख्या में " ॐ ह्रीं नम: शिवाय ह्रीं ॐ " का जाप किया जाए. तत्पश्चात त्रिधातु (सोना, चाँदी, ताँबा मिश्रित) का छल्ला अनामिका अंगुली में धारण करें एवं रात्रि समय सोने से पूर्व कुछ समय जाने अनजाने में किए गए किन्ही अपराधों की क्षमाप्रार्थना कर श्री महामृ्त्युंजय मन्त्र का जाप किया जाए तो पूर्वजन्मकृ्त कईं प्रकार के दोषों से सहज ही मुक्ति प्राप्त की जा सकती है.  

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