- कम से कम 9 शनिवार गरीबों को भोजन कराएं, भोजन में शनिदेव के प्रिय भोज्य सामग्री रखें।
- घर के नौकरों, धोबी, ड्रायवर आदि से अच्छा व्यवहार रखें। क्योंकि शनि गरीबों का प्रतिनिधित्व करता है। गरीबों के खुश होने पर शनि देव स्वत: खुश हो जाते हैं।
- प्रति शनिवार शनि के निमित्त व्रत-उपवास करें।
- प्रति शनिवार शनि देव के लिए विशेष पूजा-अर्चना अवश्य कराएं।
- शुभ मुहूर्त देखकर शनि कवच धारण करें।
- सात मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
- प्रति शनिवार आपके खाने तिल से बनी सामग्री अवश्य खाएं।
- शनि का रत्न नीलम धारण करें। नीलम धारण करने से पूर्व किसी ज्योतिष विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।
- शनि संबंधी दान या उपहार बिल्कुल ग्रहण ना करें।
- प्रतिदिन हनुमानजी की विशेष पूजा-अर्चना करें। हनुमानजी के भक्तों पर शनि बुरा प्रभाव नहीं डालता है।
- प्रतिदिन या हर शनिवार इष्टदेवता को काले या नीले रंग के फूल अवश्य चढ़ाएं।
- शनैश्चरी अमावस्या पर नदी में स्नान कर शनि के निमित्त दान पुण्य करें।
- पुरुष परस्त्री और स्त्री परपुरुष का साथ तुरंत छोड़ दें अन्यथा शनि और क्रूर हो जाएगा और आपको उसके बहुत बुरे फल प्राप्त होंगे।
- सारे अधार्मिक कार्य छोड़ दें।
उपरोक्त सभी प्रयोग शनि को प्रसन्न करने वाले है और यह सहज ही किए जा सकते हैं। इन प्रयोगों से आप पर शनि की कृपा जरूर होगी और अशुभ समय दूर हो जाएगा।
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